Jammu Kashmir Relief : आतंकी हमलों और बाढ़ से पीड़ित परिवारों को मिलेंगे मकान

जम्मू-कश्मीर में आपदा और आतंक पीड़ितों के लिए 1500 स्मार्ट मकान बनेंगे
जम्मू-कश्मीर: आतंकी हमलों और बाढ़ से पीड़ित परिवारों को मिलेंगे मकान

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं और आतंकवाद का दंश झेल चुके परिवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की पहल पर हाई-रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (एचआरडीएस) इंडिया ने जम्मू-कश्मीर के दोनों संभागीय आयुक्तों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस समझौते के तहत ऑपरेशन सिंदूर, हाल की बाढ़ और आतंकी हमलों में क्षतिग्रस्त मकानों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। एचआरडीएस इंडिया 1500 मुफ्त तीन-बेडरूम वाले स्मार्ट मकान बनाएगा, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे।

एचआरडीएस और आयुक्त आतंकी पीड़ित परिवारों की भी पहचान करेंगे, जिनके घर आतंकवादियों ने नष्ट किए। बेली चरण के बाढ़ प्रभावित परिवारों ने आईएएनएस से कहा, "हमने 40 वर्षों की कमाई से घर बनाए थे, जो बाढ़ में बह गए। उपराज्यपाल का यह फैसला नई उम्मीद है। बच्चे पूछते हैं कि क्या हम घर लौट पाएंगे? अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल के प्रति आभार।"

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस निर्णय की तारीफ करते हुए कहा, "यह निर्णय महत्वपूर्ण है। हम बाढ़ प्रभावित हर व्यक्ति को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर और देश के लिए उज्ज्वल कल्पना करते हैं।"

इससे पहले उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा था, "मकान बनाना केवल ढांचा खड़ा करना नहीं है, बल्कि यह सपनों का निर्माण है, नई शुरुआत है। मानवीय हानि इतनी गहरी होती है कि मापी नहीं जा सकती, लेकिन यह पहल उनके दुख को कम करेगी।"

एमओयू के तहत एचआरडीएस इंडिया न केवल मकान बनाएगा, बल्कि प्रत्येक परिवार को 15 वर्ष का जीवन बीमा, मासिक स्वास्थ्य जांच, बीएसएनएल के साथ मुफ्त इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्वयंसेवकों द्वारा सरकारी योजनाओं की जानकारी भी देगा।

ऑपरेशन सिंदूर मई 2025 में आतंकवाद के खिलाफ भारत की सफल सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया। यह पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान की गोलाबारी से सीमा पर कई नागरिक हताहत हुए। वहीं, अगस्त 2025 की बाढ़ ने जम्मू क्षेत्र को तबाह कर दिया। 26 अगस्त को वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन से 32 लोग मारे गए, जबकि जम्मू में 380 मिमी बारिश ने तवी नदी को उफान पर ला दिया। बेली चरण क्षेत्र में 20 से अधिक घर बह गए और हजारों लोग बेघर हो गए। इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों की मौत हुई। सरकार का यह ऐलान पीड़ितों के लिए बड़ी राहत साबित होने वाला है।

 

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