श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई और 17 लोग घायल हो गए। आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर लोगों को निशाना बनाया। उन्हे लगा होगा, लोग दहशत में आ जाएंगे और कश्मीर जाना छोड़ देंगे। लेकिन ये हिंदुस्तान है यहां हिंदू-मुस्लिम एक हैं। और आतंकियों के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे। इसकी बानगी आज भी कश्मीर में देखी जा रही है, जहां पर्यटकों का सैलाब आतंकियों के मंसूबों को ठेंगा दिखाता नजर आ रहा है।
आतंकी हमले के बाद घाटी में पर्यटकों की आमद में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन उत्तर कश्मीर के बारामुला जिले में स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग में अब भी पर्यटकों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इस स्थिति को देखते हुए गुलमर्ग में सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की है। बारामुला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुरिंदर पाल सिंह ने रविवार को बताया कि पर्यटकों की भारी संख्या को देखते हुए गुलमर्ग में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की पर्याप्त तैनाती की गई है। उन्होंने कहा, हमने गुलमर्ग की सुरक्षा की समीक्षा की है। यह केवल पहलगाम की घटना के दृष्टिकोण से नहीं की गई है, बल्कि भीड़ प्रबंधन, आग पर नियंत्रण, बिजली बंद होने की स्थिति और गोंडोला संचालन के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति को ध्यान में रखते हुए भी समीक्षा की है।
हर रोज 5000 पर्यटक गोंडोला आ रहे हैं
एसएसपी ने बताया कि गुलमर्ग में प्रतिदिन 3000 से 5000 पर्यटक गोंडोला का आनंद लेते हैं, जो कश्मीर पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। गुलमर्ग गोंडोला एशिया की सबसे ऊंचाई पर चलने वाली रोपवे है, जो समुद्र तल से 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। उन्होंने कहा, हमने सुरक्षा व्यवस्था का विश्लेषण किया है और अभी तक किसी तरह की विशेष सुरक्षा चुनौती सामने नहीं आई है। यदि भविष्य में कोई जानकारी मिलती है या कोई खतरा सामने आता है, तो उससे निपटने के लिए हमारे पास पूरी तैयारी है।
स्थानीय प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिल रहा
गुलमर्ग एलओसी के पास पीर पंजाल पर्वतमाला में स्थित है और श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर बसा एक कप के आकार की घाटी है। गर्मियों में इसकी हरी-भरी वादियां और सर्दियों में इसका सूखा करी पाउडर स्नो पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं होता। सिंह ने आश्वस्त किया कि सुरक्षा बलों के सभी अंग- जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना की राष्ट्रीय राइफल्स - पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं। अधिकारी ने कहा, हमें स्थानीय प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। घबराने की जरूरत नहीं है, हम आपकी सुरक्षा के लिए यहां मौजूद हैं। गौरतलब है कि पहलगाम और गुलमर्ग दोनों ही कश्मीर आने वाले पर्यटकों की यात्रा सूची में शीर्ष स्थान पर रहते हैं। हालांकि पहलगाम में हुए हमले ने पर्यटकों को झटका दिया है, लेकिन गुलमर्ग अब भी कश्मीर पर्यटन की उम्मीद और मजबूती का प्रतीक बना हुआ है।
22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के बेहद सुंदर बैसारन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर पर्यटक और एक स्थानीय गाइड भी शामिल था। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और कई पर्यटकों ने सुरक्षा कारणों से कश्मीर घाटी से रुख मोड़ लिया। हालांकि, गुलमर्ग में पर्यटकों की आमद लगातार बनी हुई है। यहां के खूबसूरत मैदान, बर्फ से ढके पहाड़ और विश्व प्रसिद्ध गुलमर्ग गोंडोला (केबल कार) पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।