बनासकांठा: गुजरात की बनासकांठा पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) ने दिसा तालुका के महादेविया गांव में बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली भारतीय मुद्रा नोट बनाने वाली एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।
देर रात की गई छापेमारी में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी फरार है। पुलिस ने मौके से 39 लाख रुपए से अधिक के नकली नोट, पांच प्रिंटर और नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त किए हैं।
एलसीबी को गुप्त सूचना मिली थी कि महादेविया गांव में रायमल सिंह परमार के खेत में बने एक तहखाने में नकली नोट छापे जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने देर रात छापा मारा और संजय सोनी और कौशिक श्रीमाली नाम के दो आरोपियों को हिरासत में लिया।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने 500 रुपए के नकली नोटों की भारी मात्रा बरामद की, जो इतने सटीक थे कि उनकी तुलना असली नोटों से की जा सकती थी। इसके साथ ही, नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाले पांच प्रिंटर और अन्य सामग्री भी जब्त की गई।
पुलिस के अनुसार, इस नकली नोट फैक्ट्री का मास्टरमाइंड संजय सोनी है, जिसके खिलाफ पहले से पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरा आरोपी कौशिक श्रीमाली भी इस गैरकानूनी गतिविधि में शामिल था।
तहखाना रायमल सिंह परमार के खेत में बना था, जो इस मामले का तीसरा आरोपी है और वर्तमान में फरार है। रायमल सिंह के खिलाफ जबरन वसूली और धोखाधड़ी सहित 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं। हाल ही में उसे हिरासत से रिहा किया गया था। पुलिस ने रायमल सिंह को पकड़ने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।
बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रशांत सुम्बे ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने नकली नोट छापने की बात कबूल की है।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह फैक्ट्री कब से चल रही थी, नकली नोट बनाने का सामान कहां और किससे मिलता था और इन नोटों को किसे सप्लाई किया जाता था। पुलिस को शक है कि यह एक बड़े संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संगठित अपराध संबंधी धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। एसपी ने कहा, “हमें विश्वास है कि जल्द ही इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आएगी।”