रायगढ़: जब पुलिस से न्याय नहीं मिला तो एक पीड़ित परिवार सड़कों पर उतर आया। यह है मानिक दास महंत का कड़ा संघर्ष, जिनका ऑटो रातोंरात जलकर खाक हो गया, और जब उन्होंने इसकी शिकायत की, तो एक सप्ताह तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः मानिक दास महंत और उनका परिवार हाथों में तख्ती लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गए। तख्ती पर लिखा था, एसपी साहब, हमें न्याय दिलवाएं या हमें गोली मरवा दीजिए! यह घटना 27 अप्रैल की रात की है, जब मानिक दास महंत (40) अपनी रोज़मर्रा की तरह ऑटो चलाकर घर पहुंचे और उसे घर के बाहर खड़ा कर दिया। करीब 2 बजे रात, उन्होंने अपने घर में धुआं महसूस किया, और जब दरवाजा खोला तो देखा कि उनका ऑटो जलकर खाक हो चुका था।
यह दृश्य देखकर मानिक दास और उनका परिवार बुरी तरह दहशत में आ गया। मानिक दास ने तुरंत इस घटना की लिखित शिकायत कोतवाली थाना में दी, लेकिन सप्ताह भर बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे निराश होकर उन्होंने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ हाथों में तख्ती लेकर एसपी कार्यालय की ओर रुख किया। तख्ती पर साफ लिखा था, एसपी साहब, हमारी मदद करें, हमे न्याय दिलवाएं, नहीं तो हमें गोली मार दीजिए! मानिक दास का यह संघर्ष और तख्ती लेकर निकलना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। जब यह जानकारी कोतवाली पुलिस को लगी, तो पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही मामले की जांच की जाएगी। इसके बाद उन्हें कोतवाली थाना ले जाया गया, जहां पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया और अब मामले की जांच शुरू कर दी है। जब पुलिस से न्याय नहीं मिला तो एक पीड़ित परिवार सड़कों पर उतर आया। यह है मानिक दास महंत का कड़ा संघर्ष, जिनका ऑटो रातोंरात जलकर खाक हो गया, और जब उन्होंने इसकी शिकायत की, तो एक सप्ताह तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अंततः मानिक दास महंत और उनका परिवार हाथों में तख्ती लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गए। तख्ती पर लिखा था, एसपी साहब, हमें न्याय दिलवाएं या हमें गोली मरवा दीजिए! यह घटना 27 अप्रैल की रात की है, जब मानिक दास महंत (40) अपनी रोज़मर्रा की तरह ऑटो चलाकर घर पहुंचे और उसे घर के बाहर खड़ा कर दिया। करीब 2 बजे रात, उन्होंने अपने घर में धुआं महसूस किया, और जब दरवाजा खोला तो देखा कि उनका ऑटो जलकर खाक हो चुका था। यह दृश्य देखकर मानिक दास और उनका परिवार बुरी तरह दहशत में आ गया। मानिक दास ने तुरंत इस घटना की लिखित शिकायत कोतवाली थाना में दी, लेकिन सप्ताह भर बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे निराश होकर उन्होंने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ हाथों में तख्ती लेकर एसपी कार्यालय की ओर रुख किया। तख्ती पर साफ लिखा था, एसपी साहब, हमारी मदद करें, हमे न्याय दिलवाएं, नहीं तो हमें गोली मार दीजिए! मानिक दास का यह संघर्ष और तख्ती लेकर निकलना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। जब यह जानकारी कोतवाली पुलिस को लगी, तो पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही मामले की जांच की जाएगी। इसके बाद उन्हें कोतवाली थाना ले जाया गया, जहां पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया और अब मामले की जांच शुरू कर दी है।