बीजापुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। सीआरपीएफ की बीडीएस (बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड) टीम ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए पांच खतरनाक आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद कर उन्हें सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई भोपालपटनम थाना क्षेत्र के चिल्लामरका और कांडलापर्ती के जंगलों में की गई।
जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित चिल्लामरका कैंप से 214वीं बटालियन सीआरपीएफ, 206वीं कोबरा यूनिट, स्थानीय डीआरजी और बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड की संयुक्त टीम एक एरिया डॉमिनेशन अभियान पर निकली थी।
टीम ने चिल्लामरका से कांडलापर्ती की ओर बढ़ते समय करीब 4 किलोमीटर दूर एक नाले को पार करने के बाद संदिग्ध गतिविधियों को भांपते हुए इलाके की बारीकी से तलाशी ली। इस दौरान 214वीं बटालियन की बीडीएस टीम ने क्रमवार पांच आईईडी बरामद किए।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने इन आईईडी को सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जंगल के भीतर छुपाकर लगाया था। घने जंगल और दुर्गम पहाड़ी इलाके को ध्यान में रखते हुए यह विस्फोटक अत्यधिक खतरनाक तरीके से प्लांट किए गए थे ताकि सुरक्षाबलों की मूवमेंट के दौरान उन्हें भारी नुकसान हो सके।
लेकिन सतर्कता और सटीक खोजबीन के चलते बीडीएस टीम ने इन सभी आईईडी को समय रहते डिटेक्ट कर निष्क्रिय कर दिया।
वहीं, नारायणपुर जिले के अभूझमाड़ क्षेत्र में सोमवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो बड़े माओवादियों को मार गिराया। इन दोनों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पहचान सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई। ये दोनों तेलंगाना के करीमनगर जिले के निवासी थे और बीते तीन दशक से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति के तहत सक्रिय रूप से माओवादी गतिविधियों में लिप्त थे।