नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि 1700 से अधिक लोग मुख्य धारा में आ चुके हैं। 1600 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें कई लोग मारे भी गए हैं।
दिल्ली में आयोजित 'भारत मंथन-2025: नक्सल मुक्त भारत, पीएम मोदी के नेतृत्व में लाल आतंक का खात्मा' कार्यक्रम को लेकर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा, "श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन का एक बड़ा कार्यक्रम आरक्षण को लेकर हुआ, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सली विषय पर लोगों की जागरूकता को लेकर कहा कि नक्सलवाद के नाम पर लोग किस तरह से लोगों की हत्या कर रहे हैं। इस बात की जानकारी सबके बीच में आए।"
उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की कार्रवाई को लेकर कहा कि नक्सलवाद को लेकर लगातार मुहिम चल रही है। विजय शर्मा ने कहा, "मारा जाना एक अलग मामला है। आप देखेंगे 1700 से अधिक लोग मुख्य धारा में आ चुके हैं। 1600 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, कई लोग मारे भी गए हैं। मूल विषय है कि इसकी जानकारी सबके बीच में होनी चाहिए, वैचारिक धरातल पर स्पष्ट होनी चाहिए। इसलिए पूरे अभियान हो रहे हैं।"
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नक्सलियों को संदेश दिया है कि वे हथियार डाल दें, पुलिस गोली नहीं चलाएगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार के 'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' की भी सराहना की। अमित शाह दिल्ली में ‘भारत मंथन-2025: नक्सल मुक्त भारत' कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
गृह मंत्री ने कहा कि हम किसी को नहीं मारना चाहते। हम पूरा प्रयास करते हैं कि नक्सली को सरेंडर या अरेस्ट करने का पूरा मौका दिया जाए, लेकिन जब नक्सलवादी हाथ में हथियार लेकर भारत के निर्दोष नागरिकों को मारने निकलते हैं तो सुरक्षाबलों के पास कोई और चारा नहीं होता और उन्हें गोली का जवाब गोली से ही देना होता है।
उन्होंने कहा कि जो लोग यह प्रचार कर रहे हैं कि वामपंथी उग्रवाद का मूल कारण विकास है, वे देश को गुमराह कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि 60 करोड़ गरीबों के लिए प्रधानमंत्री मोदी अनेक योजनाएं लाए हैं। उन्होंने सवाल किया कि नक्सल क्षेत्रों में कौन इन योजनाओं को नहीं पहुंचने देता? सुकमा या बीजापुर में स्कूल नहीं पहुंचा तो उसका दोषी कौन है?
शाह ने कहा, "वामपंथी क्षेत्र में सड़कें क्यों नहीं बन सकीं, क्योंकि नक्सलियों ने कॉन्ट्रैक्टर्स की हत्या कर दी।" उन्होंने सवाल किया कि बड़े-बड़े लेख लिखकर सरकार को उपदेश देने वाले बुद्धिजीवी विक्टिम ट्राइबल के लिए लेख क्यों नहीं लिखते? उनकी संवेदना सिलेक्टिव क्यों है?