पटना: सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की तरफ से बुलाए गए 'बिहार बंद' का प्रदेशभर में असर देखा गया है। पटना समेत कई शहरों में सुबह से ही एनडीए कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और विरोध-प्रदर्शन किया। यह बंद कांग्रेस-राजद के मंच से प्रधानमंत्री के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयान के विरोध में बुलाया गया।
इसी बीच, राजद सांसद संजय यादव ने दावा किया कि यह बंद पूरी तरह से असफल रहा और बिहार की जनता ने साफ संदेश दे दिया है कि राज्य में भाजपा का कोई अस्तित्व नहीं है।
उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि भाजपा नेता भी मर्यादा का पालन नहीं करते हैं। क्या उनके बयान सनातन के मंत्रोच्चार हैं? अगर उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति कुछ कहे तो इसके लिए विपक्ष को दोषी ठहराया जाता है। यह दोहरापन अब नहीं चलेगा।
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि राजनीति शास्त्र में अब एक नया पाठ जोड़ देना चाहिए, 'झूठ, जुमलों और गाली-गलौज की खाद से वोटों की फसल कैसे तैयार की जाती है।'
राजद सांसद ने कहा कि दो दिन पहले सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 90 बार ‘मां’ शब्द का इस्तेमाल किया। जब बिहार में हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान और सिंदूर की राजनीति नहीं चली तो अब भावनात्मक कार्ड खेला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में लाखों युवा बेरोजगार हैं, गुजरात में वे भाजपा नेताओं की टिप्पणियां सुनते हैं। आपकी सरकार में 65 हजार से ज्यादा हत्याएं हुईं, 6,500 से अधिक कोख सूनी हुई, हजारों बहनों के सुहाग उजड़े। तब तो आपके आंसू नहीं निकले। जब बेरोजगार सड़कों पर लाठी खाते हैं, तब भी आपको दर्द नहीं होता। बिहार में भाजपा की नौटंकी की राजनीति नहीं चलेगी और यहां केवल असली मुद्दों पर ही चर्चा होगी, आर्टिफिशियल मुद्दों पर नहीं।
उन्होंने जीएसटी टैक्स स्लैब में बदलाव पर कहा कि इस सरकार की कोई स्थायी नीति नहीं है। नोटबंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया गया। जिस दिन जीएसटी लागू हुआ था, उसी दिन विपक्ष ने सवाल उठाए थे। अब 9 साल बाद उनकी आंखें खुली हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था को चलाना भाजपा के बूते की बात नहीं है।