पलटूराम की पीएम बनने की इच्छा, इसकारण गठबंधन तोड़कर राजद के साथ गए नीतिश कुमार: गिरिराज सिंह

Giriraj Singh

पटना: बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज होने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आठ साल में दूसरी बार अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया है। हालांकि भाजपा ने गठबंधन को बचाने के लिए कड़े प्रयास किए। खुद केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि भाजपा चाहती है कि नीतीश सीएम बने रहें। इस बीच भाजपा के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भाजपा ने अपना गठबंधन धर्म निभाया हैं, अगर नीतीश अलग हो रहे हैं, तब यह उनका अपना फैसला है। उन्होंने कहा, यह निर्णय नीतीश जी का निर्णय है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री सिंह ने नीतीश को 'पलटू राम' भी कहा। 

इस पूरे घटनाक्रम पर गिरिराज सिंह ने कहा, हमने हमेशा गठबंधन के धर्म का पालन किया है और गठबंधन की गरिमा को बनाए रखा है।" उन्होंने कहा, जब हमारे पास 63 विधायक थे और उनके पास 36 थे, तब भी हमने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। आज नीतीश खरीदारी करते दिख रहे हैं। गिरिराज सिंह ने राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए जद (यू) प्रमुख की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बनने की नीतीश की आकांक्षाओं ने उन्हें गठबंधन तोड़ने के लिए मजबूर किया। गिरिराज सिंह ने कहा, पलटूराम आ गए पलट के।" चार दशकों के राजनीतिक करियर में, जद (यू) प्रमुख ने अपने कई सहयोगियों को बदला है। उन्होंने चार बार साझेदार बदले, जिससे उन्हें 'पलटू राम' का तमगा मिला। वैसे ये तमगा किसी और न नहीं बल्कि उनके पुराने व नए सहयोगी लालू प्रसाद ने दिया था।  

उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया है, वह हमेशा अपने उसूलों के सामने आत्मसमर्पण करती है। भाजपा पर कोई सवाल नहीं उठा सकता कि उसने गठबंधन के धर्म का पालन नहीं किया। 

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