India Nepal News: भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय वाहनों की नो इंट्री, लगा लंबा जाम, मची अफरा-तफरी

नेपाल में भंसार कार्यालय बंद, भारतीय व्यापारियों और पर्यटकों की सीमावर्ती यात्रा ठप।
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पटना: नेपाल के भंसार कार्यालयों के बंद होने से भारतीय वाहनों को सीमा पार करने के लिए जरूरी रोड परमिट और कस्टम औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। भारतीय नंबर प्लेट वाले गाड़ियों को नेपाल में एंट्री से रोक लिया गया है। सीमा पर तैनात अधिकारियों ने बताया कि यह बंदी केवल एक दिन के लिए है, और अगले दिन सामान्य गतिविधियां बहाल हो सकती हैं। हालांकि, इस अचानक फैसले ने सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापारियों और स्थानीय लोगों में निराशा पैदा की है। खासकर, उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में व्यापार पर इसका तत्काल प्रभाव देखा जा रहा है।

सीमा पर फंसे एक भारतीय व्यापारी ने बताया कि भंसार कार्यालय बंद होने से उनका माल नेपाल नहीं पहुंच पा रहा, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं, पर्यटकों का कहना है कि इस तरह की अचानक बंदी से उनकी यात्रा योजनाएं प्रभावित हुई हैं। नेपाल के पर्यटन मंत्री बद्री प्रसाद पांडे ने हाल ही में भारतीय पर्यटकों की सुविधा के लिए एकीकृत प्रणाली लागू करने की बात कही थी, लेकिन इस बंदी ने उनकी योजनाओं पर सवाल उठाए हैं।भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा और रोटी-बेटी का रिश्ता ऐतिहासिक रहा है। दोनों देशों के नागरिक बिना वीजा के एक-दूसरे के देश में जा सकते हैं। हालांकि, वाहनों के लिए भंसार शुल्क और रोड परमिट जैसे नियम लागू हैं। नेपाल सरकार ने हाल के वर्षों में भारतीय वाहनों पर भंसार शुल्क बढ़ाया है, जैसे कि 2019 में दोपहिया वाहनों का शुल्क 113 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये किया गया। 2024 में भी रोड परमिट के लिए भारतीय वाहनों को 1600 रुपये अतिरिक्त देने का नियम लागू हुआ, जिसका व्यापारियों ने विरोध किया था।

पिछले कुछ वर्षों में भारत-नेपाल सीमा पर कई बार तनाव देखा गया है। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान सीमा पूरी तरह बंद कर दी गई थी, जिससे दोनों देशों के व्यापारियों और नागरिकों को भारी परेशानी हुई। इसके अलावा, कालापानी जैसे सीमा विवादों ने भी दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित किया है। नेपाल के बजट दिवस पर भंसार कार्यालय बंद करने की परंपरा नई नहीं है, लेकिन इस बार इसका असर अधिक दिख रहा है। 

 

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