असम बाढ़ : 30,000 से 60,000 लोग हैं, जो घर लौटने की स्थिति में नहीं : सीएम

अबतब 190 से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके
assam floods

गुवाहाटी: असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, बाढ़ से अबतब 190 से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके हैं। वहीं कुछ नए इलाके जलमग्न हो गए। इसके अलावा बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि 30,000 से 60,000 लोग हैं, जो बाढ़ से हुए नुकसान की वजह से अपने घरों को लौटने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने असम बाढ़ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा, अभी तक आकलन चल रहा है, कि 30,000 से 60,000 लोग हैं, जो घर लौटने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने हमें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सरमा ने कहा कि इस बार राज्य में तुलनात्मक रूप से अधिक बारिश हुई है। 

असम में लगातार बारिश से राज्य में भारी बाढ़ आ गई, जहां लाखों लोग प्रभावित हुए। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने कहा कि 14 जिलों के 620 गांव अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। लगभग 9 लाख लोग अभी भी पानी के प्रभाव का सामना कर रहे थे और 14,000 हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र पानी के नीचे था। पिछले 24 घंटों में, राज्य में बाढ़ के कारण तीन नई मौतें दर्ज की गईं। उस समय, बाढ़ ने असम में सड़कों, पुलों, तटबंधों और अन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। अधिकारी फिलहाल 14 जिलों में 173 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं। जहां कुछ इलाकों में लोग अपने घरों को लौट रहे हैं, वहीं करीब 75,000 लोग अब भी इन राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, डिब्रूगढ़, होजई और कामरूप जिलों में भारी जल प्रवाह के कारण बड़ा कटाव देखा गया है। जब बाढ़ शुरू हुई, तो 31 जिलों में 40 लाख से अधिक लोग और 33 लाख से अधिक जानवर प्रभावित हुए थे। एएसडीएमए के बुलेटिन में कहा गया है कि 8,88,177 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि राज्य का कछार जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है क्योंकि यहां 5.63 लाख से अधिक लोग संकट में हैं। राज्य में 75,000 से अधिक लोगों ने 173 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि अन्य 19 राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं।

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