विदेशी कोच खिलाड़ियों से जुड़ नहीं पाते, राष्ट्रीय टीम का मुख्य कोच भारतीय होना चाहिए : रवि कुमार पुनिया

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय फुटबॉल टीम का प्रदर्शन लगातार खराब रहा है। इस वजह से फीफा की रैंकिंग में टीम का स्थान लगातार नीचे की तरफ गिरता रहा है। एएफसी एशियाई कप 2027 के लिए टीम का क्वालीफाई करना भी असंभव लग रहा है। फुटबॉल कोच रवि कुमार पुनिया का मानना ​​है कि अब समय आ गया है कि किसी भारतीय को राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का कोच बनाया जाए।

पुनिया ने आईएएनएस से कहा, "टीम का मुख्य कोच भारतीय होना चाहिए। अगर हम बाहर से किसी को लाते हैं, भले ही उसके पास अच्छा अनुभव हो, वह खिलाड़ियों से जुड़ नहीं पाएगा, क्योंकि उसे न खिलाड़ियों के बारे में पता है और न ही उनकी क्षमता के बारे में। भारतीय कोच नियुक्त होने पर बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है। जब हमारे पास अच्छे कोच हैं, फिर विदेशी कोचों को मौका क्यों देना है।"

रवि कुमार पुनिया ने कहा कि अगले कोच के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति की जाए, जो टीम से अच्छे तरीके से संवाद स्थापित कर पाए। क्रिस्पिन छेत्री महिला टीम के लिए सही हैं। पुरुष टीम के लिए मुख्य कोच के रूप में खालिद जमील बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं।

मनोलो मार्केज को मुख्य कोच पद से हटाए जाने के बाद किसी की नियुक्ति भारतीय फुटबॉल टीम के हेड कोच के रूप में अभी नहीं हुई है।

पूर्व डिफेंडर, जिन्होंने राजस्थान यूनाइटेड को 2021 में आई-लीग क्वालीफिकेशन दिलाने में मदद की थी, ने आईएसएल में रेलीगेशन शुरू किए जाने पर भी अपनी बात कही।

उन्होंने कहा कि आई-लीग टीमों के पास वर्तमान में शीर्ष डिवीजन क्लबों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए वित्त नहीं है। आईएसएल ठोस वित्तीय सहायता के साथ उच्च स्तर पर संचालित होता है। आई-लीग क्लब वित्तीय रूप से संघर्ष करते हैं। एफएसडीएल चाहता है कि आई-लीग क्लब वित्तीय रूप से मजबूत हों।

आईएसएल और आई-लीग दोनों फुटबॉल लीग हैं। आईएसएल भारतीय फुटबॉल की सबसे बड़ी पेशेवर लीग है। जबकि, आई-लीग भारतीय फुटबॉल लीग की दूसरी बड़ी पेशेवर लीग है।

--आईएएनएस

पीएके/एबीएम

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