लिवरपूल, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारत को इंग्लैंड के लिवरपूल में चल रही विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में दूसरा स्वर्ण पदक हासिल हो गया है। मीनाक्षी हुड्डा ने रविवार को महिलाओं की 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में जीत हासिल कर देश को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया। जैस्मीन लैम्बोरिया ने 57 किग्रा वर्ग में पोलैंड की जूलिया स्जरमेटा को हराकर देश को पहला स्वर्ण दिलाया था।
हरियाणा की इस स्टार मुक्केबाज ने सुबह के सत्र में कजाकिस्तान की नाजिरन काइजेबे को हराकर विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
रोहतक जिले की रहने वाली मीनाक्षी ने पेरिस ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता नाजिम काइजेबे को 4:1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। हालांकि, महिलाओं का 48 किग्रा भार वर्ग गैर-ओलंपिक है और 2028 के ओलंपिक खेलों के लिए उनकी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा नहीं देगा, फिर भी विश्व चैम्पियनशिप का खिताब दुनिया की शीर्ष मुक्केबाजों में से एक के रूप में उन्हें स्थापित करेगा।
जैस्मीन (57 किग्रा) ने फाइनल में पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता पोलैंड की स्जरमेटा को 4:1 से हराकर लिवरपूल में होने वाली 2025 की विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी।
अन्य परिणामों में, नूपुर (80+ किग्रा) ने रजत पदक जीता, जबकि पूजा रानी (80 किग्रा) ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता।
इससे पहले, मीनाक्षी, जैस्मीन और नूपुर ने अपने-अपने सेमीफाइनल में जीत हासिल करते हुए देश के लिए स्वर्ण पदक उम्मीद जगाई थी। मीनाक्षी ने मंगोलिया की अल्तांत्सेत्सेग लुत्सेखान पर 5:0 से शानदार जीत दर्ज की। जैस्मीन ने वेनेजुएला की ओमेलिन कैरोलिना अल्काला सेगोविया को 5:0 से हराया, और नूपुर ने तुर्की की सेयमा दुज्तास को कड़ी टक्कर दी।
भारत ने हाल ही में गठित अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी शासी निकाय, विश्व मुक्केबाजी के तत्वावधान में आयोजित होने वाली पहली विश्व चैंपियनशिप में 20 सदस्यीय दल उतारा है और पुरुष और महिला दोनों वर्गों में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा है।
--आईएएनएस
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