पिता के विश्वास ने निकहत जरीन को बनाया दुनिया का दिग्गज मुक्केबाज

नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)। भारत में हॉकी के बाद क्रिकेट सर्वाधिक लोकप्रिय खेल के रूप में उभरा है। बेशुमार पैसे की बदौलत आज भी क्रिकेट देश में युवाओं की पहली पसंद है। लेकिन, माहौल बदल रहा है। क्रिकेट को दूसरे खेलों से चुनौती मिल रही है। इसमें पुरुषों के अलावा कई महिलाओं ने भी अहम योगदान दिया है। इसी कड़ी में एक बड़ा नाम मुक्केबाज निकहत जरीन का है।

मुक्केबाजी को देश में पुरुषों का खेल माना जाता रहा है। लेकिन, चीजें बदली हैं। अब भारत में मुक्केबाजी से महिलाएं अछूती नहीं हैं। मैरीकॉम के बाद इस खेल में जिस खिलाड़ी ने बड़ी उम्मीद जगाई है, वह हैं निकहत जरीन। 14 जून 1996 को तेलंगाना (पूर्व में आंध्रप्रदेश) के निजामाबाद में जन्मी निकहत का मुक्केबाजी से परिचय उनके पिता मोहम्मद जमील अहमद ने कराया था। इसके लिए उन्हें परिवार, पड़ोसी और रिश्तेदारों से ताने सुनने पड़े। लेकिन, उन्हें अपनी बेटी पर भरोसा था, जिसका परिणाम आज दुनिया के सामने है।

2009 में निकहत को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। वहीं से एक विश्वस्तरीय मुक्केबाज बनने की उनकी यात्रा शुरू हुई। उन्होंने आईवी राव के साथ ट्रेनिंग शुरू की।

जरीन को 2010 में इरोड राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 'गोल्डेन बेस्ट बॉक्सर' चुना गया था। 2014 में उन्होंने बुल्गारिया में आयोजित युवा विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। 2014 में ही सर्बिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट में उन्होंने गोल्ड जीता था। 2015-16 में असम में आयोजित सीनियर वुमेन राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, 2019 में थाईलैंड ओपन अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर, 2019 में बुल्गारिया में स्ट्रांजा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड, 2022 में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड, 2023 में आईबीए विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड। 2024 में पेरिस ओलंपिक में वह पदक नहीं जीत पाई थीं।

निकहत को बॉक्सिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 2022 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा। 2021 में उन्हें बैंक ऑफ इंडिया के हैदराबाद स्थित जोनल ऑफिस में राज्य अधिकारी के रूप में नियुक्ति दी गई।

निकहत की वजह से देश में मुक्केबाजी खासकर लड़कियों में काफी लोकप्रिय हो रही है। वह उन करोड़ों लड़कियों के लिए प्रेरणा के रूप में उभरी हैं, जो सामान्य जीवन और सोच से आगे बढ़कर कुछ करना चाहती हैं और सफलता अर्जित करना चाहती हैं।

--आईएएनएस

पीएके/केआर

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