Parthiv Patel on Shubman Gill: बल्लेबाजी पर उठ रहे सवालों का शुभमन गिल ने बखूबी जवाब दिया : पार्थिव पटेल

पार्थिव पटेल ने गिल और जडेजा के प्रदर्शन को भारत की सफलता की कुंजी बताया।
बल्लेबाजी पर उठ रहे सवालों का शुभमन गिल ने बखूबी जवाब दिया : पार्थिव पटेल

नई दिल्ली: भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज पार्थिव पटेल का मानना है कि टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज में अपनी बल्लेबाजी से उन सभी सवालों के जवाब दिए जो अक्सर उनकी बल्लेबाजी पर उठाए जाते थे।

इंग्लैंड में पांच मैचों की श्रृंखला में, भारत के टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में गिल की पहली सीरीज 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुई।

वह श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे। गिल ने 10 पारियों में 75.40 की औसत से 754 रन बनाए। गिल के बल्ले से चार शतक आए। उन्हें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया।

गिल ने 75.40 की औसत से 750 रन बनाए। चार शतक भी जड़े। गिल के बल्ले से सभी चार शतक अलग-अलग परिस्थितियों में आए।

पटेल ने जियोहॉटस्टार पर कहा कि जब गिल बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, तो सवाल उठ रहे थे कि क्या वह विदेशी पिच पर अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे? क्या वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे? लेकिन उन्होंने सभी सवालों के आसानी से जवाब दिए। हेडिंग्ले में गिल ने पहली पारी में 147 रन बनाए, तो दूसरी पारी में लोगों ने कहा कि उस बड़े स्कोर के बाद उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया। एजबेस्टन में पहली पारी में 269 रन आए तो चर्चा होने लगी कि कहीं यह रन कम न पड़ जाए। लेकिन उन्होंने दूसरी पारी में 161 रन बनाए।

पटेल ने आगे कहा, "तीसरे टेस्ट में, वह दोनों पारियों में जल्दी आउट हो गए, और उनके फॉर्म पर फिर से सवाल उठने लगे, जबकि पिछले मैच में उन्होंने पहले ही 430 रन बना लिए थे। और फिर मैनचेस्टर में वह शतक आया, एक ऐसा मैच जिसे भारत को ड्रॉ कराना था। जब भी कोई चुनौती आई है, जब भी सवाल पूछे गए हैं, गिल ने अपने बल्ले से उनका बखूबी जवाब दिया है।"

पूर्व क्रिकेटर ने रवींद्र जडेजा के बल्लेबाजी कौशल के बारे में भी बात की, जिसे अक्सर कम आंका जाता है। जडेजा ने भारत के लिए 516 रन बनाए, जिसमें पांच अर्धशतक और एक नाबाद शतक शामिल है, जिसकी बदौलत भारत मैनचेस्टर में चौथा टेस्ट ड्रॉ कराने में कामयाब रहा।

पूर्व क्रिकेटर ने माना कि जडेजा द्वारा बनाए गए 516 रनों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि पहले टेस्ट मैच में भारत की बल्लेबाजी दो बार ध्वस्त हुई थी। ऐसे में छठे और सातवें नंबर पर बल्लेबाजों का योगदान बेहद अहम हो जाता है।

पटेल ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की और जो निरंतरता दिखाई, वह भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी। जो बात केएल राहुल पर लागू होती है, वह रवींद्र जडेजा पर भी लागू होती है। एक सीनियर खिलाड़ी के लिए ऐसे मौकों पर डटे रहना बेहद जरूरी है, और जडेजा ने इस सीरीज में बिल्कुल यही किया है।

 

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