नई दिल्ली: न्यूजीलैंड ने जिम्बाब्वे को बुलावायो में खेले गए दूसरे टेस्ट में पारी और 359 रन से शिकस्त दी। इसी के साथ न्यूजीलैंड ने दो मुकाबलों की सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप कर लिया। यह न्यूजीलैंड के टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी जीत रही।
एक ओर न्यूजीलैंड ने अपने टेस्ट इतिहास में सबसे बड़ी जीत हासिल की, तो दूसरी तरफ जिम्बाब्वे को अपने टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी शिकस्त झेलनी पड़ी है।
वैश्विक स्तर पर देखा जाए, तो यह टेस्ट इतिहास की तीसरी सबसे बड़ी हार है। टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है, जिसने साल 1938 में ऑस्ट्रेलिया को पारी और 579 रन से शिकस्त दी थी।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने साल 2002 में पारी और 360 रन से जीत दर्ज की थी। यह टेस्ट इतिहास की दूसरी सबसे विशाल जीत है। इस लिस्ट में चौथे पायदान पर वेस्टइंडीज की टीम है, जिसने 1958/59 में भारत को पारी और 336 रन से हराया था।
बुलावायो में खेले गए इस मुकाबले की बात करें, तो टॉस जीतकर बल्लेबाजी के लिए उतरी जिम्बाब्वे की टीम पहली पारी में महज 125 रन ही बना सकी। ब्रेंडन टेलर ने सर्वाधिक 44 रन बनाए, जबकि मैट हैनरी ने पांच और जकारी फौल्केस ने चार विकेट अपने नाम किए।
न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी 601/3 के स्कोर पर घोषित की। मेहमान टीम के लिए डेवोन कॉनवे ने 153 रन बनाए। इनके अलावा हेनरी निकोल्स ने नाबाद 150, जबकि रचिन रविंद्र ने नाबाद 165 रन की पारी खेली।
मेजबान टीम दूसरी पारी में सिर्फ 28.1 ओवरों का सामना कर सकी। टीम 117 रन पर ढेर हो गई। निक वेल्च तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। वह 47 रन बनाकर नाबाद रहे। जिम्बाब्वे की दूसरी पारी में जकारी फौल्केस ने सर्वाधिक पांच शिकार किए।
न्यूजीलैंड ने सीरीज का पहला मैच नौ विकेट से जीता, जिसके बाद जिम्बाब्वे के लिए सीरीज का अंतिम मुकाबला 'करो या मरो' का था।