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पुणे, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ चुनाव से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप का सामना कर रहे संघ के महासचिव नमदेव शिरगांवकर 2 नवंबर को होने वाले संघ के चुनाव में भाग ले सकेंगे। उन्हें पुणे सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी है।
पुणे पुलिस ने नमदेव शिरगांवकर के खिलाफ 28 अक्टूबर को सरकारी धन के दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए नमदेव ने पुणे कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। पुणे सत्र न्यायालय ने शिरगांवकर को अग्रिम जमानत संरक्षण दी, जिससे वे आगामी 2 नवंबर को होने वाले संघ के चुनाव में भाग ले सकेंगे।
सत्र न्यायाधीश ने एडवोकेट प्रशांत पाटिल द्वारा पेश किए गए तर्कों को स्वीकार किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि शिरगांवकर की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उन्होंने जांच एजेंसी को सभी आवश्यक दस्तावेज पहले ही सौंप दिए हैं। कोर्ट ने एडवोकेट प्रशांत पाटिल की इस दलील पर भरोसा जताया कि महासचिव के रूप में शिरगांवकर ने गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों की ऑडिट रिपोर्ट और गोवा में हुए 37वें राष्ट्रीय खेलों की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट पहले ही जमा कर दी है।
वहीं, उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने ओलिंपिक संघ को दो माह का समय दिया है।
एडवोकेट प्रशांत पाटिल ने दलील दी कि यह पूरा मामला दस्तावेजी सबूतों पर आधारित है और संबंधित दस्तावेज पहले से ही पुलिस विभाग की सुरक्षा में हैं। ऐसे में शिरगांवकर की पुलिस हिरासत की कोई आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने नमदेव शिरगांवकर को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है। अदालत ने निर्देश दिया है कि शिरगांवकर को पुलिस स्टेशन में तभी उपस्थित होना होगा जब पुलिस उन्हें बुलाएगी। साथ ही, अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि पुलिस विभाग शिरगांवकर को पुलिस स्टेशन बुलाने से कम से कम 48 घंटे पहले सूचना दे।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ के महासचिव नमदेव शिरगांवकर के खिलाफ पुणे पुलिस ने सरकारी धन के दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया है। उन पर विभिन्न राष्ट्रीय खेलों के लिए दिए गए सरकारी फंड का हिसाब नहीं देने का आरोप है। शिकायत संदीप उत्तमराव भोंदवे, कार्याध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य कुश्ती संघ द्वारा दर्ज कराई गई थी। उनके मुताबिक, खेल व युवक सेवा संचालनालय द्वारा बार-बार याद दिलाने के बावजूद शिरगांवकर ने वित्तीय रिपोर्ट जमा नहीं की थी।
पुलिस के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने ओलिंपिक संघ को विभिन्न राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी के लिए कुल 12.45 करोड़ रुपये की राशि दी थी, जिसमें से 3.5 करोड़ रुपये गोवा नेशनल गेम्स (अक्टूबर 2023) और 4.95 करोड़ रुपये उत्तराखंड नेशनल गेम्स (जनवरी 2025) के लिए थे।
भोंदवे का आरोप है कि यह धनराशि शिरगांवकर के करीबी सहयोगियों और रिश्तेदारों से जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से गलत तरीके से खर्च की गई।
26 सितंबर को संचालनालय ने उन्हें 3 अक्टूबर तक खाते प्रस्तुत करने का नोटिस भेजा था, लेकिन वे निर्धारित समय में ऐसा नहीं कर पाए। इसके विरोध में कुश्ती संघ के सदस्यों ने 27 अक्टूबर को पुणे पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था।
--आईएएनएस
पीएके/