Lakshya Sen Win : लोह कीन यू को शिकस्त देकर सेमीफाइनल में लक्ष्य सेन

लक्ष्य सेन ने लोह कीन यू को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई
जापान मास्टर्स : लोह कीन यू को शिकस्त देकर सेमीफाइनल में लक्ष्य सेन

कुमामोटो: लक्ष्य सेन ने कुमामोटो मास्टर्स जापान 2025 में पूर्व विश्व चैंपियन सिंगापुर के लोह कीन यू को 21-13, 21-17 से शिकस्त देकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है।

 

 

शुक्रवार को कुमामोटो प्रीफेक्चुरल जिम्नेजियम में आयोजित बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर सुपर 500 इवेंट में सेन ने दुनिया के नौवें नंबर के खिलाड़ी लोह को 40 मिनट तक चले मुकाबले में हराया।

 

यह लक्ष्य सेन की सिंगापुर के खिलाड़ी के खिलाफ करियर के 10 मुकाबलों में सातवीं जीत थी। अब फाइनल में जगह बनाने के लिए सेन अपने अगले मुकाबले में दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी केंटा निशिमोटो से मुकाबला करेंगे।

 

संतुलित शुरुआत के बाद सेन ने लगातार छह अंक बनाकर शुरुआती गेम में अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। इसके बाद उन्होंने अगले 10 में से नौ अंक जीतकर बढ़त 9-8 से 18-9 कर ली। हालांकि, लोह कीन यू ने अंत में बढ़त बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने आसानी से गेम को अपने नाम करते हुए मुकाबले में पकड़ बना ली।

 

दूसरे गेम की शुरुआत में, जब स्कोर 1-1 था, तब दोनों खिलाड़ियों ने 41 शॉट की एक रैली खेली, जिसे लोह ने जीता। इसके बाद सेन फिर से नियंत्रण में नजर आए। उन्होंने लगातार आठ अंक बनाकर 15-9 की बढ़त बना ली।

 

इसके बाद सेन ने 2 अंक गंवाए, जिससे लोह ने अंतर 11-15 कर दिया। हालांकि, सेन ने जल्द ही नियंत्रण हासिल करते हुए 17-13 के स्कोर पर एक महत्वपूर्ण रैली जीतकर लोह को 4 अंकों से पछाड़ दिया।

 

इसके बाद लोह ने फिर से शानदार वापसी करते हुए बराबरी हासिल की, लेकिन 42 शॉट की मैराथन रैली के बाद सेन 20-17 से आगे हो गए और एक निर्णायक स्मैश के साथ मुकाबला अपने नाम किया।

 

गुरुवार को दूसरे दौर में सीधे गेमों में हार के बाद एचएस प्रणय टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। इसके बाद सेन इस प्रतियोगिता में शेष एकमात्र भारतीय शटलर हैं। युगल और महिला एकल स्पर्धाओं में भारत की चुनौती बुधवार को समाप्त हो गई थी।

 

दो वर्ष पूर्व प्रणय बैडमिंटन रैंकिंग में छठे स्थान पर थे। इसके बाद चोट और चिकनगुनिया के चलते उनकी रफ्तार थम गई। उन्हें डेनमार्क के रस्मस गेम्के के खिलाफ 46 मिनट में 21-18, 21-15 से हार का सामना करना पड़ा।

 

--आईएएनएस

 

 

 

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