नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)। आईपीएल की पंजाब किंग्स के विस्फोटक बल्लेबाज शशांक सिंह ने कहा है कि भारत का प्रतिनिधित्व करने का उनका सपना उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है। शशांक आखिरी बार आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स के लिए खेलते हुए दिखे थे।
आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में शशांक ने कहा, "मेरे करियर में माता-पिता, बहन, सभी कोचों और कई अन्य लोगों का अहम योगदान रहा है। मैं, जो कुछ भी हूं, उसका श्रेय सभी को जाता है।"
शशांक ने अपने करियर पर नजर डालते हुए कहा, "यह एक लंबा सफर रहा है, जिसमें कई उतार-चढ़ान देखने को मिले हैं। मैंने मध्य प्रदेश के लिए खेलना शुरू किया, फिर हम बॉम्बे चले गए और बाद में मैं छत्तीसगढ़ लौट आया। आईपीएल से मुझे पहचान मिली। मेरा मानना है कि सभी बाधाओं को पार करते हुए इस समय सही दिशा में हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मेरा सपना कुछ ऐसा है, जिसे मैं हासिल करने के बहुत करीब हूं और इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं, क्योंकि क्रिकेट समर्पण और अनुशासन का नाम है।"
घरेलू क्रिकेट में प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिलने पर शशांक ने कहा, "सच कहूं तो, मुझे नहीं पता कि मैं अभी तक राष्ट्रीय टीम का हिस्सा क्यों नहीं हूं। मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है। मेरा काम अच्छा प्रदर्शन करना और टीम को जीत दिलाने में मदद करना है। टीम को जीत की ओर ले जाना हमेशा से मेरी प्रेरणा रही है। मैं सिर्फ अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन और हर मैच में बनाए गए रनों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकता। क्रिकेट एक टीम गेम है। मायने यह रखता है कि मैंने टीम को कितने मैच जिताए हैं।"
शशांक ने घरेलू क्रिकेट में ट्रॉफी जीतने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "मेरे राज्य ने अभी तक कोई चैंपियनशिप नहीं जीती है। दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों के नाम चैंपियनशिप का खिताब है, चाहे वह विजय हजारे ट्रॉफी हो, रणजी ट्रॉफी हो या सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी। वे मैच जीतते हैं। मेरा मानना है कि इससे उन्हें उच्चतम स्तर पर पहचान हासिल करने में मदद मिलती है। हालांकि, इससे मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में इससे कोई बाधा आएगी। मुझे लगता है कि भारत का सर्वोच्च स्तर पर प्रतिनिधित्व करने के लिए जरूरी किसी भी गुण की कमी मुझमें नहीं है। यह सपना जल्द ही हकीकत में बदल जाएगा।"
पंजाब किंग्स के लिए प्रभावी प्रदर्शन के बाद भी राष्ट्रीय टीम में जगह न मिलने पर मानसिक रूप से कैसा महसूस करते हैं। इस पर शशांक ने कहा, "निश्चित रूप से मैं निराश हो जाता हूं। मैं कुछ दिनों तक कारणों और बारीकियों के बारे में सोचता हूं और फिर आगे बढ़ जाता हूं। आखिरकार यह मुझ पर निर्भर करता है कि मैं इसे कैसे लेता हूं, और मेरा काम अच्छा प्रदर्शन करना और टीम को जीत दिलाना है। आप बस शेड्यूल का पालन कर सकते हैं और सही तरीके से ट्रेनिंग कर सकते हैं, इस उम्मीद के साथ कि आप अंतिम लक्ष्य हासिल कर लेंगे। मैं अपना सिर पीटने और यह सोचने के बजाय कि चीजें ठीक से क्यों नहीं हुईं, उसी प्रक्रिया का पालन कर रहा हूं। यह मेरे नियंत्रण से बाहर है।"
निराशाओं से किस तरह निपटते हैं। इस पर शशांक ने कहा, "मानसिक रूप से मजबूत बने रहना जरूरी है। आपको इस बात के लिए आभारी होना चाहिए कि आप एक ऐसे देश में उच्च स्तर पर क्रिकेट खेल रहे हैं, जहां प्रतिस्पर्धा कड़ी है। यह हमेशा एक प्रेरक कारक होता है। मैं यहां आने वाला पहला व्यक्ति नहीं हूं, न ही मैं आखिरी होऊंगा। कई लोगों को उनके हक का मौका मिला है और भविष्य में भी कई लोगों को मिलेगा। आपको हमेशा विश्वास बनाए रखना चाहिए। मैं कभी नहीं कहूंगा कि मैं हमेशा से प्रतिभाशाली रहा हूं। मैंने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। मुझे खुद पर विश्वास है कि मैं यह कर सकता हूं।"
33 वर्षीय खिलाड़ी का मानना है कि अगर किसी क्रिकेटर के आंकड़े उसकी असली क्षमता दर्शाते हैं तो उम्र मायने नहीं रखती। उनका मानना है कि चयन खिलाड़ी की योग्यता पर निर्भर करता है और उम्र किसी को भी महानता तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां खिलाड़ी और एथलीट एक निश्चित उम्र के बाद भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं और खेल में छा जाते हैं।
शशांक ने कहा, "खेल एक ऐसा क्षेत्र है, जहां जाति या उम्र के आधार पर कोई पक्षपात या आरक्षण नहीं है। चयन पूरी तरह से योग्यता के आधार पर होता है। अगर मैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों की गेंदों पर चौके और छक्के लगा रहा हूं, क्षेत्ररक्षण करते समय लॉन्ग ऑन से लॉन्ग ऑफ की ओर दौड़ रहा हूं, विकेटों के बीच तेजी से दौड़ रहा हूं और टीम के लिए एक अहम खिलाड़ी साबित हो रहा हूं, तो मेरा मानना है कि कोई भी ताकत मुझे उच्चतम स्तर पर क्रिकेट खेलने से नहीं रोक सकती।"
--आईएएनएस
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