Shubman Gill Captaincy Criticism: 'कप्तान के तौर पर उदाहरण पेश करना चाहिए', जोनाथन ट्रॉट ने की गिल के व्यवहार की आलोचना

गिल के व्यवहार पर ट्रॉट की नाराज़गी, बोले– कप्तान को संयम और मिसाल पेश करनी चाहिए
'कप्तान के तौर पर उदाहरण पेश करना चाहिए', जोनाथन ट्रॉट ने की गिल के व्यवहार की आलोचना

लंदन:  इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज जोनाथन ट्रॉट ने भारत के कप्तान शुभमन गिल के व्यवहार की आलोचना की है। लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन खेल समाप्त होने से ठीक पहले इंग्लिश ओपनरों के साथ गिल की तीखी प्रतिक्रिया पर ट्रॉट ने कहा कि एक कप्तान को संयम दिखाना चाहिए और अच्छा उदाहरण पेश करना चाहिए।

शनिवार को तीसरे दिन का खेल खत्म होने में 10 मिनट बचे थे, तभी इंग्लैंड के बल्लेबाज जैक क्रॉली ने जसप्रीत बुमराह की गेंद का सामना करने से पहले चार बार खुद को पीछे हटा लिया। इससे गिल को लगा कि इंग्लैंड समय बर्बाद कर रहा है। गिल ने कुछ तीखे शब्द कहे और फिर क्रॉली के दस्ताने पर बॉल लगी, जिसके बाद उन्होंने हाथ की जांच कराई और फिजियो को बुलाया। इसके बाद गिल की बहस इंग्लैंड के दूसरे बल्लेबाज बेन डकेट से भी हो गई।

इसके बाद जब क्रॉली को उनकी चोट के लिए चेक किया जा रहा था, तब गिल ने ताली बजाकर तंज कसा और ड्रेसिंग रूम की ओर इशारा किया। इसके बाद बुमराह की एक शानदार गेंद ने क्रॉली को छकाया और दिन का खेल खत्म हुआ।

इस बारे में बात करते हुए ट्रॉट ने कहा कि गिल का रवैया उन्हें पूर्व कप्तान विराट कोहली की याद दिला रहा था, जो मैदान पर अक्सर आक्रामक और भिड़ने वाले स्वभाव के लिए जाने जाते थे।

ट्रॉट ने जियोहॉटस्टार पर कहा, "शुभमन गिल का यह व्यवहार मुझे पसंद नहीं आया। कप्तान के तौर पर आपको टीम के लिए उदाहरण बनना चाहिए। विरोधी से बहस या उंगली उठाना खेल की भावना से हटकर है। मैं प्रतिस्पर्धा और मैदान पर सख्ती के पक्ष में हूं, लेकिन कभी-कभी आपको इन सब से ऊपर उठना होता है। हालांकि, यह निश्चित रूप से कल के मैच को और दिलचस्प बनाता है।"

ट्रॉट ने ऋषभ पंत और केएल राहुल की बल्लेबाजी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि दोनों ने खराब गेंदों पर बढ़िया शॉट्स लगाते हुए रन बटोरे। जब इंग्लैंड के गेंदबाज अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे, तब पंत और राहुल ने धैर्य दिखाया, अच्छी डिफेंसिव बल्लेबाजी की और मौका मिलने पर रन भी बनाए। अच्छे बल्लेबाज वही होते हैं जो मुश्किल समय में टिकते हैं और जब मौका मिले तो गेंदबाज पर दबाव बना देते हैं। पंत और राहुल ने यही किया और बहुत अच्छा किया।

 

 

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