India Sports Economy Growth : 'स्पोर्ट्स इकॉनमी' के लिए बहुत ही रोमांचक होने वाले हैं आगामी 5-10 साल : ईशान चटर्जी

ईशान चटर्जी: 2030 तक भारत की स्पोर्ट्स इकॉनमी 70 अरब डॉलर तक पहुंचेगी
'स्पोर्ट्स इकॉनमी' के लिए बहुत ही रोमांचक होने वाले हैं आगामी 5-10 साल : ईशान चटर्जी

नई दिल्ली: जियोस्टार स्पोर्ट्स डिवीजन के चीफ एग्जीक्यूटिव ईशान चटर्जी के अनुसार, अगले 5-10 साल स्पोर्ट्स इकॉनमी के लिए बहुत ही रोमांचक होने वाले हैं। उन्होंने यह बात भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक से कही।

दिनेश कार्तिक ने कार्यक्रम में ईशान चटर्जी के साथ बातचीत में कहा, "लोग प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) शुरू होने से पहले कबड्डी के बारे में जानते ही नहीं थे। आज यह खेल अलग मुकाम पर है। इसके बाद आईपीएल ने खेल जगत में तहलका मचाया। अब दूसरे देशों के खेल भी भारत में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।"

दिनेश कार्तिक ने ईशान चटर्जी से पूछा कि इन तीनों चीजों को एक साथ संतुलित करना कितना मुश्किल है?

इसके जवाब में ईशान चटर्जी ने कहा, "यह एक चुनौती है। मैं इससे इनकार नहीं करूंगा, लेकिन अच्छी बात यह है कि हम एक ऐसे देश में हैं, जहां स्पोर्ट्स इकॉनमी का विकास सचमुच तेजी से हो रहा है। मुझे लगता है कि अगले 5-10 साल स्पोर्ट्स इकॉनमी के लिए बहुत ही रोमांचक होने वाले हैं।"

उन्होंने कहा, "डेलॉइट की एक स्टडी के मुताबिक, भारत की खेल अर्थव्यवस्था 2023 और 2030 के बीच 30 अरब डॉलर से बढ़कर 70 अरब डॉलर हो जाएगी। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो, ब्राजील का मार्केट 6-8 अरब डॉलर के बीच है। ब्रिटेन, जो इतना उन्नत बाजार है, लगभग 40 अरब डॉलर का है। इसलिए यहां काफी विकास हो रहा है। इसका एक बड़ा हिस्सा पुरुष क्रिकेट से प्रेरित है।"

ईशान चटर्जी ने उम्मीद जताते हुए कहा, "मुझे लगता है कि ओवरऑल स्पोर्ट्स इकॉनमी में पुरुष क्रिकेट का नेतृत्व अग्रमी रहेगा। इसकी वजह इस खेल का व्यापक स्तर है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात, क्रिकेट की गुणवत्ता और टीम इंडिया की शानदार उपलब्धियां हैं।"

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम जिस बड़े रुझान पर दांव लगा रहे हैं, वह भारत में अन्य खेलों का उदय है। चाहे वे टेनिस और फुटबॉल या कबड्डी जैसे स्थापित खेल हों या फिर ई-स्पोर्ट्स जैसे नए और उभरते हुए खेल। हम मानते हैं कि यहीं पर हमें बहुत तेजी से विकास देखने को मिलेगा। यह सिर्फ इसलिए नहीं कि हम चाहते हैं, बल्कि इसलिए कि जैसे ही भारतीय प्रतिभा और खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करने लगेंगे, देश में उनका फैन बेस तेजी से बढ़ने लगेगा। उदाहरण के लिए, नीरज चोपड़ा ने जेवलिन के लिए जो किया, वह ही इसका शानदार उदाहरण है।"

 

 

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