हॉकी इंडिया ने वंदना कटारिया और ललित उपाध्याय को सम्मानित किया

राजगीर, 5 सितंबर (आईएएनएस)। हॉकी इंडिया ने शुक्रवार को महिला हॉकी टीम की पूर्व फॉरवर्ड वंदना कटारिया और पुरुष हॉकी टीम के पूर्व फॉरवर्ड ललित कुमार उपाध्याय को खेल में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। दोनों खिलाड़ियों ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा की है।

सम्मान समारोह राजगीर, बिहार में चल रहे पुरुष एशिया कप 2025 के दौरान आयोजित किया गया। हॉकी इंडिया ने वंदना और ललित को राष्ट्रीय टीमों के प्रति उनके समर्पण और सेवा के लिए 5-5 लाख रुपये के चेक प्रदान किए।

अप्रैल में आधिकारिक रूप से संन्यास लेने वाली वंदना ने 15 वर्षों से अधिक के अपने शानदार करियर को अप्रैल में अलविदा कहा था। 320 अंतरराष्ट्रीय मैचों और 158 गोलों के साथ वह भारतीय महिला हॉकी इतिहास में सबसे अधिक मैच खेलने वाली खिलाड़ी हैं। 2009 में सीनियर टीम में पदार्पण के बाद से वंदना भारतीय हॉकी के सबसे बड़े चेहरों में रही हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत का ऐतिहासिक चौथा स्थान उनके करियर की खास उपलब्धि रही। वह ओलंपिक में हैट्रिक गोल करने वाली पहली और एकमात्र भारतीय बनी थीं।

सम्मान मिलने पर वंदना कटारिया ने कहा, "भारत की जर्सी पहनना और अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा है। हॉकी ने मुझे सब कुछ दिया है और मैं इन यादों को हमेशा संजो कर रखूंगी। मैं इस सम्मान के लिए हॉकी इंडिया की और सबसे बढ़कर, अपने उन साथियों की बहुत आभारी हूं, जिनके साथ मैंने पिछले 15 वर्षों में हर उतार-चढ़ाव साझा किया । वे मेरे लिए एक परिवार की तरह थे। हमने एक-दूसरे को प्रोत्साहित किया, एक-दूसरे का साथ दिया और हर जीत का जश्न साथ मिलकर मनाया।"

उन्होंने कहा, "मैंने जो कुछ भी हासिल किया है, वह उनके विश्वास, कड़ी मेहनत और जज्बे के बिना संभव नहीं होता। मैं अपने परिवार की भी उतनी ही आभारी हूं, जो हर चुनौती और त्याग में मेरे साथ मजबूती से खड़े रहे और जिनके निरंतर प्रोत्साहन ने मुझे आगे बढ़ते रहने की शक्ति दी। मैं अपने सभी कोचों, सहयोगी स्टाफ और प्रशंसकों का भी धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने इस पूरे सफर में मुझे प्रेरित किया।"

ललित कुमार उपाध्याय ने जून में संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने 2014 में भारत के लिए डेब्यू किया था। 11 वर्षों में ललित ने भारत के लिए 183 मैच खेले और 67 गोल किए। उन्होंने टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत की कांस्य पदक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपनी पीढ़ी के सबसे भरोसेमंद फॉरवर्ड में से एक बन गए।

सम्मान समारोह में ललित ने कहा, "मुझे भारतीय हॉकी के कुछ सबसे ऐतिहासिक पलों का हिस्सा बनकर बेहद गर्व महसूस हो रहा है। वाराणसी के एक छोटे से गांव से लेकर ओलंपिक पोडियम पर खड़े होने तक का सफर खास रहा है।"

उन्होंने कहा, "उच्चतम स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना हमेशा से एक सपना रहा है और मैं अपने परिवार, कोचों, साथियों, सहयोगी स्टाफ और हॉकी इंडिया को उनके निरंतर समर्थन के लिए तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। यह सम्मान उन सभी का है और मैं हॉकी इंडिया को जो भी उपयुक्त लगे, हॉकी को वापस देने के लिए हमेशा मौजूद रहूंगा।"

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की ने दोनों की प्रशंसा करते हुए कहा, "वंदना और ललित भारतीय हॉकी के असाधारण राजदूत रहे हैं। वंदना ने अपने निडर प्रदर्शन और अविश्वसनीय यात्रा से लाखों लोगों को प्रेरित किया, जबकि ललित की प्रतिभा और निरंतरता ने महत्वपूर्ण मैचों में पुरुष टीम के लिए बेहद जरूरी जोश भरा। हॉकी इंडिया की ओर से मैं उन्हें उनके करियर के लिए बधाई देता हूं और खेल में उनके अपार योगदान के लिए धन्यवाद देता हूं।"

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा, "वंदना और ललित दोनों ही भारतीय हॉकी की भावना, लचीलापन, दृढ़ संकल्प और उत्कृष्टता के प्रतीक हैं। उनके समर्पण ने न केवल देश को गौरवान्वित किया है, बल्कि अनगिनत युवाओं को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित भी किया है। हॉकी इंडिया को उन्हें सम्मानित करते हुए गर्व हो रहा है और हम उनके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करते हैं।"

--आईएएनएस

पीएके/

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