नई दिल्ली: दो बार की इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) चैंपियन चेन्नईयन एफसी ने लीग के भविष्य को लेकर जारी अनिश्चितता के चलते क्लब के संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित करने का ऐलान किया है। क्लब ने बुधवार को यह घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर की।
क्लब ने कहा, "ऐसे फैसले कभी आसान नहीं होते। हमारा यह फैसला लंबे विचार-विमर्श और गहन समीक्षा के बाद लिया गया है।"
चेन्नईयन एफसी ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने इस कदम से जुड़े मानवीय प्रभाव को भी गंभीरता से समझा है।
बयान में कहा गया, "भारतीय फुटबॉल में एक हिस्सेदार होने की चुनौतियां सभी को पता हैं। इंडियन सुपर लीग के भविष्य को लेकर जारी अनिश्चितता के मद्देनजर, चेन्नईयन एफसी ने क्लब संचालन को अस्थायी रूप से रोकने का बेहद कठिन फैसला लिया है। यह कोई ऐसा कदम नहीं है, जिसे हमने सहजता से लिया हो। यह उन लोगों को प्रभावित करता है, जो हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। हमारे खिलाड़ियों, कोच, स्टाफ और उनके परिवारों की भलाई हमारी प्राथमिकता है। हम इस चुनौतीपूर्ण समय में लगातार उनके संपर्क में हैं।"
इस साल की शुरुआत में ही चेन्नईयन एफसी ने अपनी यूथ टीमों के संचालन को निलंबित कर दिया था। हालांकि, हालिया फैसले के बावजूद क्लब ने भारतीय फुटबॉल के प्रति अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराते हुए जल्द ही संचालन के दोबारा शुरू होने की उम्मीद जताई है।
बयान में कहा गया, "हमें उम्मीद है कि यह विराम अल्पकाल के लिए होगा। जैसे ही सभी क्लबों के लिए स्थिति स्पष्ट होगी, हम फिर से अपने पसंदीदा काम को शुरू कर सकेंगे। इस अनिश्चितता के दौर में भी भारतीय फुटबॉल के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पहले की तरह मजबूत बनी हुई है।"
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब दो दिन पहले ही बेंगलुरु एफसी ने अपनी मुख्य टीम के खिलाड़ियों की सैलरी को फ्रीज कर दिया था, जो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में शामिल क्लबों की बढ़ती बेचैनी को उजागर करता है, क्योंकि वह लीग के भविष्य से जुड़े फैसलों का इंतजार कर रहे हैं।
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) गुरुवार को आईएसएल क्लबों के सीईओ के साथ एक अहम बैठक करने जा रहा है, ताकि आगामी सत्र के लिए भविष्य की रणनीति तय की जा सके। शुरुआत में चेन्नईयिन एफसी को इस बैठक से बाहर रखा गया था, लेकिन बाद में उसे मुंबई सिटी एफसी, मोहन बागान सुपर जायंट, ईस्ट बंगाल एफसी और मोहम्मडन एससी के साथ आमंत्रित किया गया।
कई क्लबों की स्थिति अभी अनिश्चितता में है। ऐसे में अब सभी की निगाहें एआईएफएफ की इस महत्वपूर्ण बैठक पर टिकी हैं, जो भारतीय फुटबॉल के हितधारकों के लिए जरूरी स्पष्टता प्रदान कर सकती है।