मैनचेस्टर, 28 जुलाई (आईएएनएस)। पैर में फ्रैक्चर के चलते भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत पांचवें टेस्ट में नहीं खेल सकेंगे। उन्होंने अपने साथियों को संदेश देते हुए कहा कि उन्हें अंतिम टेस्ट में जीत के साथ सीरीज 2-2 से बराबर करनी चाहिए। फिलहाल पांच मुकाबलों की सीरीज में इंग्लैंड की टीम 2-1 से आगे है।
भारत की पहली पारी के दौरान पंत ने दाहिने पैर में फ्रैक्चर के बावजूद साहस का परिचय दिया। उन्होंने अर्धशतक पूरा करते हुए टीम इंडिया को संभाला। ऋषभ पंत तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स की यॉर्कर पर चोटिल हुए थे। गेंद पंत के बल्ले का किनारा लेकर उनके दाहिने पैर पर लगी। चोट के कारण पंत को उस दिन रिटायर होना पड़ा, लेकिन जब टीम संकट में थी, तो वे अगले दिन फिर बल्लेबाजी के लिए उतरे।
ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के आखिरी दिन टीम इंडिया ने जबरदस्त जज्बा दिखाया और कप्तान शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के शतकों और केएल राहुल की जुझारू 90 रनों की पारी की बदौलत मेजबान इंग्लैंड को ड्रॉ के लिए मजबूर कर दिया।
मैच के बाद ऋषभ पंत ने बीसीसीआई की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "यह मेरी तरफ से बस एक छोटा-सा भाव था। व्यक्तिगत लक्ष्य के बारे में सोचने के बजाय, टीम को जीत दिलाने या आगे बढ़ाने के लिए, जो कुछ भी करना पड़े, मैं करूंगा।"
उन्होंने आगे कहा, "जिस तरह से सभी ने मुझे सपोर्ट किया, वह वाकई शानदार था। टीम पर दबाव था, हालात कठिन थे, लेकिन जब पूरा देश एक ही उद्देश्य के लिए आपके साथ खड़ा हो जाता है, तो वह अहसास कुछ अलग ही होता है। इस भावना को शब्दों में बयां करना मुश्किल है कि अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए मैं कितना गर्व महसूस करता हूं। मैं अपनी टीम को बस यही संदेश देना चाहता हूं कि दोस्तों, चलो इस सीरीज को जीतते हैं। चलो, हमें देश के लिए ऐसा करना है।"
पंत की सराहना करते हुए हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा, "जो ऋषभ ने टीम के लिए किया है, वही जज्बा मौजूदा टेस्ट टीम का आधार होगा। मुझे व्यक्तिगत तौर पर खिलाड़ियों की बात करना पसंद नहीं, मैंने कभी टीम गेम में किसी एक खिलाड़ी के बारे में नहीं बोला। आपने (पंत) न सिर्फ इस ड्रेसिंग रूम, बल्कि आने वाली अगली पीढ़ी को भी प्रेरित किया है। देश को आप के ऊपर हमेशा गर्व रहेगा।"
--आईएएनएस
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