बर्थडे स्पेशल : पिता का सपना पूरा करने की चाहत, भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स में जिता चुकीं मेडल

नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। हरियाणा की पूजा सिहाग भारतीय रेसलिंग जगत का जाना-पहचाना नाम हैं। रेसलिंग मैट पर विरोधियों को पटखनी देने वाली पूजा को उनकी जिंदगी ने कई बार दुख दिया, लेकिन पूजा इससे टूटी नहीं। पूजा ने मुसीबतों का डटकर सामना किया और देश के लिए पदक जीते।

17 जुलाई 1997 को हिसार में जन्मीं पूजा का बचपन में वजन बहुत ज्यादा था। पिता सुभाष सिहाग उन्हें प्यार से 'पहलवान' कहकर पुकारते थे। वह चाहते थे कि बेटी रेसलिंग शुरू करे, ताकि फिट रहे।

पूजा सिहाग के गांव में साल 2011 में लड़कियों के लिए रेसलिंग एकेडमी बनी, जिसमें काफी लड़कियां जाती थीं। माता-पिता ने भी पूजा को रेसलिंग से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

माता-पिता उन्हें एकेडमी में लेकर गए, जहां कोच पूजा की जमकर ट्रेनिंग करवाते। शुरुआत में पूजा का मन यहां बिल्कुल भी नहीं लगता था। उस समय पूजा की उम्र करीब 12-13 साल थी।

शुरुआत में जब पूजा हारतीं, तो रोने लगतीं, लेकिन पिता हमेशा कहते कि 'आज हारी है, तो कल जीतेगी।' पिता की यह बात पूजा के दिमाग में बैठ गई।

पूजा धीरे-धीरे सीनियर खिलाड़ियों के साथ रेसलिंग करने लगीं। मैट पर सीनियर्स को हराते-हराते पूजा हरियाणा की मशहूर रेसलर बन चुकी थीं। पूजा सिहाग ने एशियन अंडर-23 चैंपियनशिप-2019 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया, जिसके बाद एशियन चैंपियनशिप-2021 में ब्रॉन्ज जीता।

साल 2020 में ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान पूजा को पिता के निधन की खबर लगी, जिससे वह बुरी तरह टूट गईं। पूजा के मन में रेसलिंग छोड़ने तक का ख्याल आने लगा था, लेकिन पिता चाहते थे कि बेटी नामी पहलवान बने। ऐसे में पिता के सपने को पूरा करने के लिए पूजा फिर से मैट पर उतरीं, लेकिन दुर्भाग्यवश ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकीं। हालांकि, उनके दिमाग में पिता के सपने को पूरा करने की बात जरूर थी।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के ट्रायल से पहले पूजा की कोहनी चोटिल हो गई, जिसके चलते वह ट्रेनिंग नहीं कर पाईं। इस बीच ट्रायल से दो महीने पहले वह जूनियर खिलाड़ी से हार गईं। इस हार ने एक बार फिर पूजा को मानसिक रूप से तोड़ दिया था, लेकिन बड़े भाई ने उनका मनोबल बढ़ाया।

पूजा सिहाग ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए क्वालीफाई किया और इसके 9वें दिन 76 किलोग्राम भार वर्ग में ऑस्ट्रेलिया की नाओमी डी ब्रूइन को मात देते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया।

--आईएएनएस

आरएसजी/एएस

Related posts

Loading...

More from author

Loading...