अहमदाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तैराकी कोच माइकल बोहल ने कहा है कि भारत के पास अच्छे तैराक मौजूद हैं। उन्हें अपना स्तर ऊंचा करने के लिए और ज्यादा तैराकों की जरूरत है।
भारत के उभरते तैराकों की प्रशंसा करते हुए बोहल ने कहा, "मुझे लगता है कि भारत ने यहां बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। पुरुषों ने खास तौर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। बुधवार रात 400 मीटर फ्रीस्टाइल में एक महिला ने पदक जीता। जब भी आप किसी एशियाई स्तर की प्रतियोगिता में पोडियम पर पहुंचते हैं, तो यह देश के लिए अच्छी बात होती है।"
बोहल ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि आपके पास कुछ अच्छे अग्रणी तैराक हैं, बस आपको उनकी और जरूरत है। मुझे लगता है कि आपकी आबादी भी अच्छी है। भारत में भी चीन के समान ही बहुत बड़ी आबादी है। इसलिए मुझे लगता है कि जैसे-जैसे कोचिंग बेहतर होती है, आपके पास ज्यादा महत्वपूर्ण समूह होता है। ज्यादा तैराक अच्छा प्रदर्शन करते हैं और यह शीर्ष तैराकों पर दबाव डालता है।"
उन्होंने कहा, "अगर आप दुनिया के शीर्ष देशों, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया को देखें, तो यह सिर्फ एक या दो तैराकों की बात नहीं है। एक ऐसा आधारभूत समूह है जो शीर्ष तैराकों पर दबाव बनाने में बहुत अच्छा काम कर रहा है। इसलिए मुझे लगता है कि जैसे-जैसे आप और गहराई हासिल करना शुरू करेंगे, आपको तैराकी में और भी बड़े सुधार देखने को मिलेंगे। 11वीं एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत के लिए निश्चित रूप से कुछ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी रहे हैं।"
माइकल बोहल के पास तैराकी में कोचिंग का 33 साल से अधिक का अनुभव है। उनकी कोचिंग में चीन ने अहमदाबाद में आयोजित 11वीं एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में पहला स्थान प्राप्त किया है।
वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में चीन ने 49 पदक (38 स्वर्ण, 8 रजत और 3 कांस्य) जीते। भारत के लिए यह चैंपियनशिप एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही क्योंकि भारत ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 13 पदक (4 रजत, 9 कांस्य) जीते और ओवरऑल नौवां स्थान हासिल किया। यह भारत का जलीय खेलों में बढ़ती क्षमता का प्रमाण है।
बोहल की कोचिंग में 2008 से 2021 के बीच हर संस्करण में एथलीट ओलंपिक पोडियम तक पहुंचे हैं। पांच बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एम्मा मैककॉन और तीन बार की चैंपियन स्टेफनी राइस बोहल के सफलतम शिष्यों में हैं।
एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में श्रीहरि नटराज, ऋषभ दास, कुशाग्र रावत, रोहित बी बेनेडिक्टॉन, साजन प्रकाश और भव्या सचदेवा ने व्यक्तिगत पदक जीते। इंदिवर सैरेम और विल्सन सिंग निंगथौजम ने डाइविंग में भारत को पहला पदक दिलाकर इतिहास रचा।
श्रीहरि नटराज ने सात पदक (3 व्यक्तिगत, 4 रिले) के साथ भारतीय दल का नेतृत्व किया, लेकिन भारतीय दल में वृत्ति अग्रवाल, धिनिधि देसिंघु, सान्वी देशवाल, अद्वैत पेज, निथिक नथेला और जशुआ थॉमस दुरई जैसे प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी भी शामिल थे, जिन्होंने इस एशियाई प्रतियोगिता में अपार संभावनाएं और क्षमता दिखाई।
--आईएएनएस
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