Annu Rani Biography : क्रिकेट मैच के दौरान भाई ने पहचानी क्षमता, खेतों में सीखा जैवलिन थ्रो

मेरठ की बेटी अन्नू रानी ने खेतों में गन्ने की छड़ी से अभ्यास शुरू किया और विश्व मंच पर गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला, टोक्यो और पेरिस ओलंपिक प्रतिभागी तथा 2023 एशियन गेम्स गोल्ड विजेता अन्नू, मेहनत और जुनून की मिसाल हैं।
अन्नू रानी : क्रिकेट मैच के दौरान भाई ने पहचानी क्षमता, खेतों में सीखा जैवलिन थ्रो

नई दिल्ली: अन्नू रानी भारत की प्रसिद्ध जैवलिन थ्रोअर हैं, जिन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व किया। अन्नू रानी पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में फाइनल तक जगह बनाई।

28 अगस्त 1992 को मेरठ के बहादुरपुर में जन्मीं अन्नू एक किसान परिवार से हैं। एक क्रिकेट मैच के दौरान जब भाई उपेंद्र ने अन्नू के असाधारण थ्रोइंग आर्म को देखा, तो उनकी क्षमता को पहचान लिया।

 

फील्डिंग के दौरान अन्नू गेंद को आसानी से दूर फेंक रही थीं। भाई ने समझ लिया था कि अगर अन्नू को जैवलिन थ्रो जैसे खेल में उतारा जाए, तो वह इसमें शानदार प्रदर्शन कर सकती हैं।

 

उपेंद्र खुद एक मैराथन धावक थे। वही अन्नू के पहले कोच भी बने। पिता के विरोध के बावजूद उन्होंने बहन को खेत में गन्ने की छड़ियों के साथ ट्रेनिंग देनी शुरू की। पिता इसके सख्त खिलाफ थे। अन्नू को खेल जारी रखने के लिए उनसे विनती करनी पड़ी। अनुरोध करते-करते वह रो तक पड़ीं।

 

साल 2010 में अन्नू 18 वर्ष की हो चुकी थीं। उन्होंने बतौर पेशेवर जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। वह साल 2013 में कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेता काशीनाथ नाइक की तरफ से आयोजित ट्रेनिंग कैंप में शामिल हुईं। काशीनाथ नाइक ने अन्नू को प्रेरित करने के लिए उन्हें खेलों से जुड़ी फिल्में देखने की सलाह दी।

 

साल 2014 में राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अन्नू रानी ने 58.83 मीटर थ्रो के साथ 14 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसी साल कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने 56.37 मीटर थ्रो के साथ आठवां स्थान हासिल किया।

 

अन्नू 2016 राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 60 मीटर का आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, लेकिन अफसोस राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन के बावजूद यह एथलीट 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में मेडल जीतने से चूक गईं।

 

साल 2019 अन्नू रानी के लिए बेहद खास रहा। उन्होंने एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता, जिसके साथ वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जैवलिन थ्रोअर बनीं।

 

अन्नू रानी ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लिया। इसी के साथ वह गुरमीत के बाद ओलंपिक में भाग लेने वाली दूसरी भारतीय महिला जैवलिन थ्रोअर बनीं। गुरमीत ने 2000 सिडनी ओलंपिक में यह कारनामा किया था।

 

इस जैवलिन थ्रोअर ने 2023 एशियन गेम्स में 62.92 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता। वह नीरज चोपड़ा के बाद ऐसी दूसरी भारतीय बनीं, जिसने जैवलिन थ्रो की वैश्विक प्रतियोगिता में गोल्ड अपने नाम किया।

 

अन्नू रानी ने 2024 पेरिस ओलंपिक में जगह बनाई, लेकिन एक बार फिर ओलंपिक पदक से चूक गईं।

 

साल 2024 में जैवलिन थ्रो में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अन्नू रानी को 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया।

 

 

Related posts

Loading...

More from author

Loading...