अनिल कुंबले: 21 साल पहले खत्म की थी कपिल देव की बादशाहत

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और अपनी कप्तानी में 1983 का विश्व कप जिताने वाले कपिल देव ने भारत की तरफ से सर्वाधिक 434 टेस्ट विकेटों के साथ 23 मार्च 1994 को संन्यास लिया था। उस समय माना गया था कि कपिल देव का यह रिकॉर्ड मुश्किल ही टूटेगा। क्रिकेट में हर रिकॉर्ड कभी-न-कभी टूटने के लिए बनता है। कपिल देव के रिकॉर्ड को उनके संन्यास के ठीक दस साल बाद अनिल कुंबले ने तोड़ दिया।

भारतीय टीम 2004 में बांग्लादेश के दौरे पर थी। 10 दिसंबर को ढाका में पहला टेस्ट शुरू हुआ और 13 दिसंबर को समाप्त हुआ। इस टेस्ट में भारतीय टीम ने पारी और 140 रन से जीत दर्ज की थी।

भारतीय टीम की जीत के साथ-साथ यह टेस्ट अनिल कुंबले द्वारा कपिल देव के सर्वाधिक टेस्ट विकेटों का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए जाना जाता है। ढाका टेस्ट के पहले ही दिन मोहम्मद रफीक के रूप में कुंबले ने अपना 435वां टेस्ट विकेट लिया। पारी में कुंबले ने 2 और कुल 4 विकेट लिए थे।

अनिल कुंबले ने अपने 91वें टेस्ट में 435 विकेट के आंकड़े को छुआ, जबकि कपिल देव ने 131 टेस्ट में 434 विकेट लिए थे।

उस टेस्ट में इरफान पठान ने पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में 6 विकेट लिए थे। 11 विकेट लेने वाले पठान प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे।

अनिल कुंबले ने 2 नवंबर 2008 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था। कुंबले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। टेस्ट और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में कुंबले शीर्ष भारतीय गेंदबाज हैं।

कुंबले ने 132 टेस्ट में 619 और 271 वनडे में 337 विकेट लिए हैं।

सभी फॉर्मेट मिलाकर सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने के मामले में अनिल कुंबले मुरलीधरन, वॉर्न और एंडरसन के बाद चौथे स्थान पर हैं। सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में भी कुंबले मुरलीधरन, वॉर्न और एंडरसन के बाद चौथे स्थान पर हैं।

--आईएएनएस

पीएके

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