नई दिल्ली: भारत में मुक्केबाजी एक प्रोफेशनल खेल के तौर पर बेहद लोकप्रिय हो रहा है। भारतीय मुक्केबाज अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लगातार देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं। अमित पंघाल भी एक ऐसे मुक्केबाज हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कई बार देश को मुक्केबाजी में पदक दिलाया है।
अमित पंघाल का जन्म 16 अक्टूबर 1995 को हरियाणा के रोहतक जिले के मैना गांव में हुआ था। अमित के पिता विजेंद्र सिंह पंघाल खेतीबाड़ी से जुड़े हैं और बड़े भाई अजय पंघाल भारतीय सेना में हवलदार हैं। अजय खुद भी मुक्केबाज थे, लेकिन आर्थिक परेशानियों की वजह से वह खुद इस क्षेत्र से हट गए, लेकिन उन्होंने छोटे भाई अमित को मुक्केबाजी में बड़ी सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित किया। अमित ने अपने भाई के त्याग और समर्पण को जाया नहीं जाने दिया और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ते हुए पूरी दुनिया में अपना और परिवार का नाम रोशन किया।
12 वर्ष की आयु में 2007 में मात्र अमित ने सर छोटू राम बॉक्सिंग अकादमी में प्रशिक्षण शुरू किया। उनका करियर 2010 में चमका। अमित ने महाराष्ट्र में सब-जूनियर नेशनल्स में स्वर्ण पदक जीता। 2017 में सीनियर स्तर पर डेब्यू करते हुए नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड हासिल किया। उसी वर्ष ताशकंद में एशियन एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप (49 किग्रा वर्ग) में कांस्य पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय पटल पर कदम रखा। विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसमतोव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
अमित के करियर के लिए 2018 का साल बेहद अहम रहा। जकार्ता एशियन गेम्स में लाइट फ्लाईवेट (49 किग्रा) में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। फाइनल में अमित ने हसनबॉय दुसमतोव को हराया। अमित कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड, 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर, और 2019 में बैंकॉक एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड जीत चुके हैं। भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत अमित ने मुक्केबाजी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
मुक्केबाजी में करियर बनाने की इच्छा रखने वालों के लिए अमित पंघाल बड़ी प्रेरणा हैं।