देश में एचएनआई निवेश को आकर्षित करने के लिए गिफ्ट आईएफएससी को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत : वित्त मंत्री

नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा है कि गिफ्ट स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) को भारत में वैश्विक पूंजी प्रवाह के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, ताकि अगले दो दशकों में उच्च विकास वाले क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

उन्होंने गिफ्ट सिटी को इंटीग्रेटेड, मॉडर्न और सस्टेनेबल लिविंग इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित एक गतिशील स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों से शीर्ष स्तर की प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए ऐसी विश्वस्तरीय सुविधाएं स्थापित करना आवश्यक है।

गांधीनगर में गिफ्ट सिटी में आईएफएससी के अपने दौरे के दौरान, वित्त मंत्री ने प्रगति की समीक्षा की और प्रमुख बाजार प्रतिभागियों के साथ बातचीत की।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अधिकारियों से देश में एचएनआई निवेश को आकर्षित करने के लिए जीआईएफटी आईएफएससी को अधिक प्रतिस्पर्धी और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया और देश की वित्तीय जरूरतों के लिए आईएफएससी में सॉवरेन और पेंशन फंड जुटाने में आईएफएससीए की भूमिका की क्षमता को रेखांकित किया।

भारत की वैश्विक वित्तीय स्थिति को बढ़ाने में गिफ्ट आईएफएससी की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने अगले कुछ वर्षों में ही सुधारों को तेज करने पर जोर दिया, ताकि 2047 तक ‘विकसित भारत’ के विजन के साथ विकास को आगे बढ़ाया जा सके।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने हितधारकों की भागीदारी का विस्तार कर और मूल्य निर्धारण को मजबूत कर इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीएक्स) में कार्यान्वयन को बेहतर करने की जरूरतों पर जोर दिया, जिससे गिफ्ट आईएफएससी को एक ग्लोबल बुलियन हब के तौर पर स्थापित किया जा सके।

उन्होंने बैंकिंग, बीमा, पूंजी बाजार, फंड उद्योग, वित्त कंपनियों, भुगतान सेवा प्रदाताओं, एयरक्राफ्ट और शिप लीजिंग फर्मों, फिनटेक फर्मों, आईटीएफएस प्लेटफॉर्म प्रदाताओं और विदेशी विश्वविद्यालयों के एमडी और सीईओ, अध्यक्षों, संस्थापकों और सीएफओ के साथ भी बातचीत की।

इसके अलावा, गिफ्ट सिटी कंपनी लिमिटेड और आईएफएससीए ने गिफ्ट आईएफएससी को एक लीडिंग ग्लोबल फाइनेंशियल सेंटर के तौर पर स्थापित करने के उद्देश्य से प्रमुख नीति, विनियामक और कर सुधारों पर अपनी प्रस्तुति दी।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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