त्योहारों की मांग से भारत में कंज्यूमर खर्च बढ़ा, ज्वेलरी और लिकर कैटेगरी रही सबसे आगे

नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस) । एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के कंज्यूमर सेक्टर ने ज्वेलरी और लिकर कैटेगरी के नेतृत्व में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रिकवरी दर्ज की है। इसके अलावा, जीएसटी रेट कटौती के बाद से मार्केट के स्थिर होने के साथ पेंट, इनरवियर और स्टेपल्स ने भी सुधार के संकेत दर्ज करवाए हैं।

मोतिलाल ऑसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत फेस्टिव डिमांड ने ज्वेलरी और प्रीमियमाइजेशन ने लिकर कैटेगरी में तेजी की गति को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।

रिपोर्ट में उन 60 कंपनियों का एनालिसिस किया गया है, जिनका चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संयुक्त रेवेन्यू 1.2 ट्रिलियन रुपए दर्ज किया था और जिनके राजस्व में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की वृद्धि और ईबीआईटीडीए में 4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रेवेन्यू में 10 प्रतिशत और ईबीआईटीडीए में 3 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।

रिपोर्ट के अनुसार, ज्वेलरी कैटेगरी ने 26 प्रतिशत राजस्व वृद्धि और 25 प्रतिशत ईबीआईटीडीए दर्ज करवाई। वहीं, लिकर कैटेगरी ने 11 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि और 16 प्रतिशत की ईबीआईटीडीए ग्रोथ दर्ज करवाई।

लिकर सेगमेंट में स्पिरिट्स सबसे अधिक बढ़ा, जबकि मौसमी व्यवधानों की वजह से बीयर बिछड़ गई।

फेस्टिव रिपेटिंग और ट्रेड सेंटीमेंट में सुधार के चलते पेंट कंपनियों ने इस वर्ष सितंबर से मांग में सुधार दर्ज करवाई। इस कैटेगरी में रेवेन्यू में 7 प्रतिशत और ईबीआईटीडीए में 17 प्रतिशत दर्ज की गई।

क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स ने 10 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की और 4 प्रतिशत की ईबीआईटीडीए वृद्धि दर्ज की।

इनरवियर सेगमेंट ने 4 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज करवाई लेकिन उच्च मार्केटिंग खर्च ने मार्जिन पर दबाव बढ़ाया जिसकी वजह से ईबीआईटीडीए फ्लैट रहा।

मोतीलाल ओसवाल का अनुमान है कि नवंबर के बाद से जीएसटी में उतार-चढ़ाव सामान्य होने से स्टेपल्स में रिकवरी होगी। इसके बाद, बाद की तिमाहियों में पेंट को लेकर वृद्धि दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा, शादी के सीजन के चलते ज्वेलरी में मजबूत गति देखे जाने की उम्मीद की जा रही है।

--आईएएनएस

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