ट्रंप के बयान के बीच सरकारी सूत्र का दावा, रूस से तेल आयात पर कोई रोक नहीं

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। भारत की ओर से रूस से तेल खरीद बंद करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर, सरकारी सूत्रों ने शनिवार को कहा कि रूसी तेल खरीद को लेकर ऐसी कोई रोक नहीं लगाई गई है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, "भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों और बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है। हमारे पास भारतीय तेल कंपनियों द्वारा रूसी आयात रोकने की कोई रिपोर्ट नहीं है।"

हालांकि, ट्रंप के बयान पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में संवाददाताओं से कहा, "मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। देखते हैं क्या होता है।"

अमेरिकी राष्ट्रपति ने धमकी दी है कि अगर मास्को यूक्रेन के साथ कोई बड़ा शांति समझौता नहीं करता है, तो वे रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, "आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं।"

इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और मैंगलोर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल लिमिटेड) ने पिछले हफ्ते रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया है। भारत रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।

सूत्रों के अनुसार, "चारों रिफाइनिंग कंपनियां नियमित रूप से रूसी तेल की डिलीवरी के आधार पर खरीद करती हैं और रिप्लेसमेंट आपूर्ति के लिए हाजिर बाजारों का रुख कर रही हैं जिसमें ज्यादातर मध्य पूर्वी ग्रेड जैसे अबू धाबी का मर्बन क्रूड और पश्चिम अफ्रीकी तेल शामिल है।"

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक बाजार की ऑफरिंग के आधार पर तेल खरीदता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, "किसी भी देश के साथ हमारे संबंध उसकी योग्यता पर आधारित होते हैं और उन्हें किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। जहां तक भारत-रूस संबंधों का सवाल है, हमारे बीच एक स्थिर और टाइम-टेस्टेड साझेदारी है।"

जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "भारत और अमेरिका साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन-जन संबंधों पर आधारित एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं।"

--आईएएनएस

एबीएस/

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