तिरुमला, 29 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन वी. नारायणन मंगलवार को आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम पहुंचे। यहां उन्होंने वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किए और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की आगामी योजनाओं की जानकारी दी।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इसरो और नासा की ओर से संयुक्त रूप से विकसित किया गया एनआईएसएआर सैटेलाइट (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार) बुधवार सुबह 5:40 बजे लॉन्च किया जाएगा। इस उपग्रह को जीएसएलवी मार्क-2 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
वी. नारायणन ने कहा, "यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपग्रह है, जिसमें दो मुख्य पेलोड होंगे। यह पृथ्वी की सतह की निगरानी करने, आपदा पूर्व चेतावनी देने और विभिन्न वैश्विक जरूरतों के लिए बेहद उपयोगी होगा।"
उन्होंने यह भी बताया कि यह सैटेलाइट 12 दिनों में पृथ्वी की पूरी परिक्रमा कर सकेगा और इससे प्राप्त डाटा पूरी दुनिया के लिए लाभकारी साबित होगा। इसरो प्रमुख ने भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन पर भी विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "हम भारतीयों को भारतीय रॉकेट में, भारतीय तकनीक से, भारतीय धरती से अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहे हैं। यह मिशन कुछ दिनों के लिए अंतरिक्ष में रहने और फिर सुरक्षित रूप से वापस लाने का प्रयास है।"
इसको प्रमुख ने आगे बताया कि मानव मिशन की दिशा में जरूरी सभी तकनीकों का विकास हो चुका है और अब उन्हें क्वालिफाई किया जा रहा है। इस मिशन से पहले तीन अनमैन्ड (मानव रहित) परीक्षण उड़ानें होंगी।
28 जुलाई को अंतरिक्ष में मानव मिशन की तैयारियों के बारे में बात करते हुए, नारायणन ने कहा था, "इस साल दिसंबर में एक मानवरहित मिशन भेजा जाएगा। अगर यह सफल रहा, तो अगले साल दो और मानवरहित मिशन भेजे जाएंगे। प्रधानमंत्री की ओर से घोषित योजना के अनुसार, मार्च 2027 में मानवयुक्त मिशन लॉन्च किया जाएगा। इसरो इसके लिए श्रीहरिकोटा में पहला वाहन तैयार कर रहा है।"
--आईएएनएस
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