नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस) । पीएम-वाणी योजना को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को वाई-फाई सर्विस प्रोवाइडर्स या 'पब्लिक डेटा ऑफिस' (पीडीओ) के लिए रिटेल ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए प्राइसिंग फ्रेमवर्क जारी किया। इस कदम का उद्देश्य पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट के विकास में बाधा डालने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।
दूरसंचार प्राधिकरण ने पीडीओ के लिए रिटेल ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए टैरिफ पर दूरसंचार टैरिफ (71वां संशोधन) आदेश, 2025 को अंतिम रूप दिया है।
आदेश में कहा गया है, "रिटेल फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) ब्रॉडबैंड सर्विस प्रदान करने वाला प्रत्येक सेवा प्रदाता पीएम-वाणी योजना के तहत पीडीओ को 200 एमबीपीएस तक की अपनी सभी रिटेल एफटीटीएच ब्रॉडबैंड योजनाएं प्रदान करेगा, जिसका टैरिफ, रिटेल सब्सक्राइबर्स के लिए संबंधित एफटीटीएच ब्रॉडबैंड योजना के लिए लागू बैंडविड्थ (क्षमता) के टैरिफ से दोगुना से अधिक नहीं होगा।"
प्राइसिंग फ्रेमवर्क को छोटे पैमाने के पीडीओ के लिए अफोर्डिबिलिटी सुनिश्चित कर सभी हितधारकों के हितों को उचित रूप से संतुलित करने के लिए डिजाइन किया गया है, साथ ही सेवा प्रदाताओं को ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिए उचित मुआवजा भी प्रदान किया गया है।
ट्राई ने कहा, "प्रस्तावित टैरिफ फ्रेमवर्क मौजूदा बाजार परिदृश्य, पीएम-वाणी सर्विस को अपनाने के वर्तमान स्तरों और साथ ही संभावित भविष्य के विकास को ध्यान में रखता है। इन विचारों के साथ फ्रेमवर्क का उद्देश्य पीएम-वाणी पहल के तहत पब्लिक वाई-फाई इकोसिस्टम के व्यवस्थित, सस्टेनेबल और समावेशी विकास को सुविधाजनक बनाना है।"
संचार विभाग ने 16 सितंबर, 2024 को पीएम-वाणी फ्रेमवर्क में संशोधन पेश किया, जिससे इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए पीडीओ को टीएसपी के साथ वाणिज्यिक समझौते करने की आवश्यकता समाप्त हो गई।
दूरसंचार विभाग के संशोधन, ड्राफ्ट टीटीओ (70वें संशोधन) पर प्राप्त हितधारकों के कमेंट्स काउंटर-कमेंट्स और आगे के आंतरिक विश्लेषण के आधार पर प्राधिकरण ने 15 जनवरी, 2025 को संशोधित मसौदा दूरसंचार टैरिफ (71वां संशोधन) आदेश जारी किया।
दूरसंचार प्राधिकरण ने कहा कि इसमें प्रस्ताव दिया गया है कि पीएम-वाणी योजना के तहत पीडीओ के लिए ब्रॉडबैंड टैरिफ (एफटीटीएच) सर्विस प्रोवाइडर द्वारा पेश की जाने वाली इसी क्षमता की रिटेल ब्रॉडबैंड (एफटीटीएच) सर्विस के लिए लागू टैरिफ से दोगुने से अधिक नहीं होना चाहिए।
--आईएएनएस
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