टेक फर्म नथिंग ने जुटाए 20 करोड़ डॉलर, कंपनी की विकास यात्रा के केंद्र में बना हुआ भारत

नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। लंदन स्थित कंज्यूमर टेक कंपनी नथिंग ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी ने अपनी लेटेस्ट सीरीज सी फंडिंग राउंड में 20 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिससे उसका अंतिम मूल्यांकन 1.3 अरब डॉलर हो गया है, क्योंकि भारतीय बाजार उसकी विकास योजनाओं के केंद्र में बना हुआ है।

इस फंडिंग राउंड को जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ और क्वालकॉम वेंचर्स से नया रणनीतिक समर्थन मिला है।

नथिंग टेक्नोलॉजी के सीईओ कार्ल पेई के अनुसार, यह नया फंडिंग नथिंग को प्रोडक्ट इनोवेशन में तेजी लाने और एआई-नेटिव प्रोडक्ट में निवेश बढ़ाने का आधार प्रदान करता है ताकि वे अपना वैश्विक विस्तार जारी रख सकें।

उन्होंने कहा, "यह उपलब्धि हमारे अगले चरण की शुरुआत का प्रतीक है। पिछले दशक में उभरने वाली एकमात्र स्वतंत्र स्मार्टफोन कंपनी से, एक एआई-नेटिव प्लेटफॉर्म के निर्माण की ओर, जिसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एक ही इंटेलिजेंट सिस्टम में समाहित हो जाएं।"

चार वर्षों में कंपनी ने लाखों डिवाइस भेजे हैं। 2025 तक कुल बिक्री 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है और 2024 में 150 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

भारत पहले ही नथिंग के लिए एक प्रमुख बाजार और उसकी विकास रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, ब्रांड ने 2024 में देश में सालाना आधार पर 577 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की।

नथिंग भारत से निर्यात बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है। पेई ने हाल ही में कहा कि कंपनी बदलती अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के लिए भारत से अधिक निर्यात करने के विकल्प पर विचार कर रही है।

कंपनी 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

इसके हालिया डिवाइस, फोन (3ए) और फोन (3ए) प्रो, भारत में ही असेंबल किए गए हैं। घरेलू उत्पादन पर इस फोकस से कंपनी को लागत प्रबंधन और ग्लोबल सप्लाई चेन में बदलावों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद मिलने की उम्मीद है।

पेई के अनुसार, "एआई को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए, कंज्यूमर हार्डवेयर को भी इसके साथ-साथ खुद को नए सिरे से गढ़ना होगा। यही वह अवसर है जो हम नथिंग के लिए देखते हैं। हम एक ऐसा भविष्य देखते हैं, जहां ऑपरेटिंग सिस्टम आज के ऑपरेटिंग सिस्टम से काफी अलग होंगे। प्रत्येक सिस्टम अपने यूजर को गहराई से समझेगा और प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह हाइपर-पर्सनलाइज्ड होगा। इंटरफेस हमारे कॉन्टेक्स्ट और जरूरतों के अनुसार ढल जाएंगे।"

--आईएएनएस

एसकेटी/

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