सरकारी ई-मार्केटप्लेस ने अपनी स्थापना के बाद संचयी सकल व्यापारिक मूल्य में 15 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया

नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने 2016 में अपनी स्थापना के बाद से संचयी सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में 15 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है।

यह उपलब्धि पारदर्शी, कुशल और समावेशी सार्वजनिक खरीद पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के सरकारी ई-मार्केटप्लेस के दृष्टिकोण में पूरे भारत के खरीदारों और विक्रेताओं के विश्वास और भरोसे को रेखांकित करती है। पिछले नौ वर्षों में, सरकारी ई-मार्केटप्लेस एक मज़बूत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के रूप में विकसित हुआ है, जो सरकारी खरीदारों और विक्रेताओं के एक विविध समुदाय को एक साथ लाता है, जिसमें सूक्ष्म और लघु उद्यम, स्टार्टअप, महिला-नेतृत्व वाले व्यवसाय, एससी/एसटी उद्यम और स्वयं सहायता समूह शामिल हैं।

इस अवसर पर, सरकारी ई-मार्केटप्लेस के सीईओ, मिहिर कुमार ने कहा, "15 लाख करोड़ के जीएमवी के आंकड़े को पार करना हमारे हितधारकों द्वारा सरकारी ई-मार्केटप्लेस में रखे गए विश्वास का प्रमाण है। यह सफलता उन लाखों विक्रेताओं और खरीदारों की है जिन्होंने भारत में सार्वजनिक खरीद के तरीके को बदल दिया है। हमारा ध्यान समावेशिता को गहरा करने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने पर बना रहेगा ताकि अवसर देश के हर कोने तक पहुंच सकें। हम सब मिलकर, विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप एक पारदर्शी, जवाबदेह और डिजिटल रूप से सशक्त खरीद पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं।"

सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर प्रत्येक लेन-देन केवल खरीद से कहीं अधिक दर्शाता है। यह दक्षता, जवाबदेही और सशक्तिकरण का प्रतीक है। प्रक्रियाओं को सरल बनाकर, प्रवेश बाधाओं को कम करके और नीति एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारदर्शिता को समाहित करके, सरकारी ई-मार्केटप्लेस ने उद्यमिता, नवाचार और समतामूलक विकास को बढ़ावा देते हुए अंतिम छोर तक पहुँचने के अवसर प्रदान किए हैं।

सरकारी ई-मार्केटप्लेस की यात्रा की मुख्य विशेषताओं को देखों तो, विभिन्न क्षेत्रों के लाखों विक्रेताओं के लिए सरकारी खरीद तक ​​पहुंच का विस्तार करना। एमएसई, महिला उद्यमियों और स्टार्टअप्स की भागीदारी को मजबूत करना।खरीद के हर चरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना। और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप शासन में डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देना है।

यह उपलब्धि उपयोगकर्ताओं, खरीदारों, विक्रेताओं, नीति निर्माताओं और प्रशासकों के समुदाय की है, जिन्होंने सरकारी ई-मार्केटप्लेस को बदलाव का सच्चा संवाहक बनाया है। यह डिजिटल रूप से सशक्त, पारदर्शी और समावेशी अर्थव्यवस्था को आकार देने में एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में सरकारी ई-मार्केटप्लेस की भूमिका को पुष्ट करता है, जो विकसित भारत के व्यापक दृष्टिकोण में योगदान देता है।

जैसा कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस भविष्य की ओर देख रहा है, इसका ध्यान भारत में सार्वजनिक खरीद में और अधिक परिवर्तन लाने के लिए समावेशिता को बढ़ाने, नवाचार को मजबूत करने और दक्षता को बनाए रखने पर केंद्रित है।

--आईएएनएस

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