रिसर्च को 'लग्जरी' की जगह एक राष्ट्रीय जरूरत के रूप में देखे भारत : नारायण मूर्ति

मुंबई, 13 नवंबर (आईएएनएस)। आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने गुरुवार को भारत में साइंटिस्ट, स्कॉलर्स और इनोवेटर्स के लिए एक मजबूत और अधिक सपोर्टिव इकोसिस्टम की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि देश को रिसर्च एक लग्जरी की जगह एक राष्ट्रीय जरूरत के रूप में देखे जाने की जरूरत है।

इंफोसिस साइंस फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 'इन्फोसिस पुरस्कार 2025' विनर्स को लेकर घोषणा करते हुए मूर्ति ने कहा कि रिसर्च के लिए जिज्ञासा, इमेजिनेशन, हिम्मत और अनुशासन की जरूरत होती है इसलिए यह एक ह्युमन इंक्वायरी के उच्च आइडल को दर्शाती है।

उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए याद दिलाया कि जो राष्ट्र बेसिक रिसर्च में गहनता से निवेश करता है वह साइंटिफिक प्रगति, इकोनॉमिक स्ट्रेंथ और सामाजिक कल्याण में सबसे आगे होता है।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू को कोट करते हुए कहा कि साइंस अकेले गरीबी, भुखमरी और अंधविश्वास सभी का समाधान बन सकती है।

उन्होंने देश से एक बौद्धिक रूप से वाइब्रेंट इकोसिस्टम बनाए जाने की मांग की, जहां यंग रिसर्चर्स सीमित अवसरों जैसे बाधाओं से न जूझें और अपने काम को लेकर आगे बढ़ें।

इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (आईएसएफ) ने 15 मई को अपनी एज पॉलिसी को बदलते हुए प्राइज विनर्स के लिए अप्पर लिमिट को 50 वर्ष से घटा कर 40 वर्ष कर दिया था।

हर एक इंफोसिस प्राइज में एक गोल्ड मेडल, एक प्रशस्ति पत्र और लाख डॉलर की राशि शामिल की गई है। 2025 प्राइज के साथ 6 रिसर्चर्स को मार्केट डिजाइन और अलोकेशन मैकेनिज्म, मैथेमैटिकल ऑप्टिमाइजेशन और ब्रेकथ्रू इन एल्गोरिद्म थ्योरी के एमपिरिकल एनालिसिस में में उनके योगदान को लेकर उन्हें सम्मानित किया गया।

इंफोसिस के तिमाही नतीजों की बात करें तो कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट सितंबर तिमाही के लिए 7,364 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है, जो कि सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक इंफोसिस ने वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में नेट प्रॉफिट 6,506 करोड़ रुपए दर्ज किया था। कंपनी के नेट प्रॉफिट में तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि जून तिमाही में 6,921 रुपए रहा था।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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