ऑपरेशन सिंदूर : केंद्र ने डिजिटल मीडिया पर 1,400 से ज्यादा फर्जी यूआरएल ब्लॉक करने के निर्देश किए जारी

नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस) । सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान डिजिटल मीडिया पर 1,400 से ज्यादा यूआरएल ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए, क्योंकि इनमें झूठी, भ्रामक, भारत विरोधी समाचार सामग्री, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री (मुख्य रूप से पाकिस्तान स्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स से) और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काऊ सामग्री शामिल थी। यह जानकारी बुधवार को संसद को दी गई।

केंद्रीय रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि यह देखा गया कि कुछ सोशल मीडिया हैंडल, जिनमें से कई भारत के बाहर से संचालित हो रहे थे, पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सक्रिय रूप से झूठी और संभावित रूप से हानिकारक जानकारी का प्रचार कर रहे थे।

उन्होंने कहा, "सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69ए के तहत, सरकार ने भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में वेबसाइट, सोशल मीडिया हैंडल और पोस्ट को ब्लॉक करने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए हैं।"

26 अप्रैल, 2025 को, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न करने का परामर्श जारी किया था।

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान, अन्तर-अनुशासनिक और अंतर्विभागीय समन्वय के लिए एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था। यह कंट्रोल रूम दिन के 24 घंटे और सात दिन कार्यरत था और सभी मीडिया हितधारकों को रियल टाइम में सूचना प्रसारित करने में सहायता करता था।

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि इस कंट्रोल रूम में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के नोडल प्रतिनिधि, विभिन्न सरकारी मीडिया इकाइयों के अधिकारी और प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के अधिकारी शामिल थे। फर्जी खबरें और गलत सूचना फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडल और पोस्ट की सक्रिय रूप से पहचान की गई।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, "पीआईबी के अंतर्गत फैक्ट चेक यूनिट ने फर्जी तस्वीरों, एडिटेड वीडियो, भ्रामक बयानों और ऑपरेशन के उद्देश्यों, सरकारी एजेंसियों या सुरक्षा बलों को निशाना बनाने वाली किसी भी छेड़छाड़ की गई सामग्री का पता लगाने के लिए रियल टाइम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन समाचार स्रोतों की सक्रिय रूप से निगरानी की।"

यूनिट ने भारत और भारतीय सशस्त्र बलों के विरुद्ध पाकिस्तानी दुष्प्रचार का पर्दाफाश किया और ऐसी सामग्री का खंडन करने वाले कई पोस्टों की तथ्य-जांच की।

इसके अतिरिक्त, 'ऑपरेशन सिंदूर' से संबंधित भ्रामक सूचनाओं या झूठी खबरों से संबंधित लिंक, जिनकी एफसीयू द्वारा तथ्य-जांच की गई थी, उचित कार्रवाई के लिए संबंधित मध्यस्थों के साथ तुरंत साझा किए गए।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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