केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी कोलकाता में हाई-टेक ईवी टेस्टिंग सुविधा का करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के सस्टेनेबल गतिशीलता को बढ़ावा देने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के मिशन के अनुरूप केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी बुधवार को कोलकाता के अलीपुर क्षेत्रीय प्रयोगशाला में स्टेट-ऑफ द आर्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) टेस्टिंग सुविधा का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे।

एडवांस्ड इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित यह लैब ईवी बैटरियों और उनके घटकों पर टेस्टिंग की सुविधा के काम आएगी, जिनमें इलेक्ट्रिक सेफ्टी, एफसीसी/आईएसईडी अनुपालन, कार्यात्मक सुरक्षा, ड्यूरेबिलिटी, क्लाइमेट टेस्ट (आईपी, यूवी, कोरोजन) और मैकेनिकल एवं भौतिक सुरक्षा शामिल हैं।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह सुविधा ईवी बैटरी निर्माताओं, विशेष रूप से पूर्वी भारत को विश्वसनीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन प्रदान करेगी, जिससे उत्पाद सुरक्षा, प्रदर्शन और नियामक अनुपालन सुनिश्चित होगा।

यह सुविधा ईवी क्वालिटी आश्वासन के लिए एक राष्ट्रीय मानक के रूप में काम करेगी, जिससे निर्माताओं को शीघ्र दोष पहचान, उत्पाद विश्वसनीयता में वृद्धि और कड़े सुरक्षा एवं प्रदर्शन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

इससे ईवी यूजर्स के बीच आत्मविश्वास बढ़ेगा और भारत की ग्रीन मोबिलिटी की ओर यात्रा में तेजी आएगी।

इस सुविधा की स्थापना एक मजबूत ईवी इकोसिस्टम बनाने, आयात पर निर्भरता कम करने और किफायती परीक्षण सेवाओं के साथ घरेलू निर्माताओं को सशक्त बनाने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

बयान में कहा गया है कि इस सुविधा के साथ एनटीएच भारत के सस्टेनेबल परिवहन में एक प्रमुख प्रवर्तक और क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर में एक ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करता है।

ईवी इको-फ्रेंडली मोबिलिटी समाधानों की ओर वैश्विक परिवर्तन में सबसे आगे हैं और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और उत्सर्जन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बयान में आगे कहा गया है कि भारत ने 2030 तक 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सुनिश्चित करना जरूरी है कि इलेक्ट्रिक वाहन और उनके पुर्जे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए कठोर परीक्षण, सत्यापन और प्रमाणन से गुजरें।

हालाँकि इलेक्ट्रिक वाहन वर्तमान में भारत के यात्री वाहन बाजार का एक छोटा सा हिस्सा हैं। फिर भी सरकारी नीतियां तेज़ी से इस परिदृश्य को बदल रही हैं। ये लक्षित नीतियां भारत और चीन जैसे ग्लोबल लीडर्स के बीच तकनीक और लागत के अंतर को लगातार कम कर रही हैं।

--आईएएनएस

एसकेटी/

Related posts

Loading...

More from author

Loading...