कैपिटल मार्केट्स 'विकसित भारत' विजन के लिए जरूरी, म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास बड़े मौके मौजूद : तुहिन कांत पांडे

मुंबई, 7 नवंबर (आईएएनएस)। सेबी के चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडे ने शुक्रवार को कहा कि भारत की आर्थिक मजबूती में कैपिटल मार्केट की अहम भूमिका होगी और यह 'विकसित भारत' लक्ष्य की ओर देश की प्रगति और पूंजी निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

देश की आर्थिक राजधानी में एक इवेंट में लोगों को संबोधित करते हुए सेबी चीफ ने कहा कि देश की विकसित हो रही आकांक्षा को पूरा करने में कैपिटल मार्केट एक जरूरी इंस्ट्रूमेंट के रूप में काम कर रहा है। साथ ही, कहा कि इस साल कंपनियों ने प्राथमिक बाजारों से करीब दो लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं, जो कि निवेशकों के मजबूत विश्वास को दिखाता है।

पांडे ने कहा कि बड़ी मात्रा में घरेलू कैपिटल बाजार में आने को तैयार है और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) कैपिटल जुटाने के तरीके को आसान बनाने और तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे बिजनेस के आसानी से और किफायती तरीके से फंड मिले।

उन्होंने आगे नियामक की भूमिका पर कहा, "हम केवल पूंजी निर्माण की सुविधा उपलब्ध कराते हैं और हमारा लक्ष्य बिजनेस को पूंजी जुटाने में मदद करना और भारत के विकास की रफ्तार को तेज करना है।"

सेबी चीफ के मुताबिक, भारत में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) कंपनियों के पास बड़े मौके मौजूद हैं, क्योंकि देश का म्यूचुअल फंड एसेट अंडर मैनेजमेंट जीडीपी के 25 प्रतिशत से कम है।

पांडे ने कहा कि हमारे पास म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ाने का बहुत बड़ा अवसर है। म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी रखने वाले 22 प्रतिशत गैर-निवेशक अगले वर्ष इसमें निवेश करने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि नियामक शॉर्ट-सेलिंग और प्रतिभूति उधारी एवं उधारी नियमों की व्यापक समीक्षा करेगा, जिससे उन्हें वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जा सके।

हालांकि, पांडे ने स्वीकार किया कि भारत का प्रतिभूति उधारी बाजार अन्य बाजारों की तुलना में अविकसित है और सेबी पारदर्शिता, तरलता और निवेशक-अनुकूलता बढ़ाने के उद्देश्य से सुधारों के प्रति प्रतिबद्ध है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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