गौतम अदाणी ने देश के 'दूसरे स्वतंत्रता संग्राम' के लिए युवा उद्यमियों का किया आह्वान

अहमदाबाद, 25 सितंबर (आईएएनएस)। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को कहा कि युवा उद्यमी भारत के 'दूसरे स्वतंत्रता संग्राम' को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह संग्राम विदेशी शासन से आजादी के लिए नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और सोशल इनोवेशन में आजादी के लिए है, जो हर समुदाय को ऊपर उठाता है, मतभेदों को दूर करता है और लोकतंत्र को मजबूत करता है।

अदाणी ग्रीन टॉक्स के चौथे संस्करण में अपने संबोधन के दौरान गौतम अदाणी ने कहा कि हम असमानता, निष्क्रियता और उदासीनता से आजादी के अपने देश के 'दूसरे स्वतंत्रता संग्राम' में शामिल हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, "दोस्तों, बड़े सपने देखने की आजादी ही 'ग्रीन टॉक्स' का मूलमंत्र है। यह इस विश्वास पर आधारित है कि हर नया विचार बदलाव का ब्लूप्रिंट होता है। यह हमें याद दिलाता है कि विकास सीधा नहीं होता, यह अप्रत्याशित और अक्सर अदृश्य होता है।"

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, "जब अचानक सतह से एक हरी कोपल निकलती है तो वह आजादी और उम्मीद के एक नए अध्याय की घोषणा करती है। उस कोमल हरी कोपल में हर उस महान सपने का सार होता है, जिसने इतिहास रचा है।"

ग्रीन टॉक्स के केवल तीन एडिशन में सैकड़ों सपनों का मूल्यांकन किया गया है और 15 बेहतरीन कंपनियों ने मंच पर अपने विजन साझा किए हैं।

गौतम अदाणी ने कहा, "एक ऐसी दुनिया में जहां दस में से नौ स्टार्टअप असफल हो जाते हैं, यह देखना दिलचस्प है कि सपने देखने वाले हमारे कितने ही लोगों ने मुश्किलों को पहले ही पार कर लिया है।"

उन्होंने कहा, "एक उद्यमी के तौर पर मुझे पता है कि सपने देखना क्या होता है। केवल सपने देखने वाले ही ऐसे निशान छोड़ते हैं, जिन्हें इतिहास भी मिटा नहीं सकता। जिन उद्यमियों से मैं मिलता हूं, उनमें से वे मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं, जो सामाजिक उद्यमी होते हैं। वे धन की तलाश में नहीं, बल्कि बेहतर समाज बनाने की चाहत से शुरुआत करते हैं।"

गौतम अदाणी ने कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य ग्रीन टॉक्स को केवल एक मंच से कहीं अधिक बनाना है।

उन्होंने कहा, "यह सहयोग का एक जीवंत मंच बनना चाहिए, जहां भारत का इनोवेशन दुनिया की कल्पना से मिले। एक ऐसी जगह जहां सोशल स्टार्टअप नए विचार पैदा करें। एक उद्देश्य के लिए एकजुट हों और मानवता की भलाई के लिए काम करें। यह ऐसा इकोसिस्टम होना चाहिए, जहां हर भागीदार लेन-देन से नहीं, बल्कि अच्छाई के साथ आगे बढ़ने के साझा मिशन से जुड़ा हो ताकि हम एक बेहतर और सस्टेनेबल वर्ल्ड को पीछे छोड़ सकें।"

--आईएएनएस

एसकेटी/वीसी

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