न्यू यॉर्क: अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने चेतावनी दी है कि कुछ लोकप्रिय एलर्जी की दवाएं, जिन्हें लोग लंबे समय तक लेते हैं, उन्हें अचानक बंद करने पर बहुत तेज और असहनीय खुजली हो सकती है। भले ही यह बहुत कम केस में हो, लेकिन ये समस्या बहुत परेशान कर सकती है और इलाज की जरूरत पड़ सकती है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एफडीए ने बताया कि जो लोग मुंह से ली जाने वाली एलर्जी की दवाएं जैसे सेट्रीजीन और लेवोसेटिरिजिन को कई महीनों या वर्षों तक लगातार लेते रहे हैं, उन्हें ये दवाएं बंद करने के बाद गंभीर खुजली (जिसे मेडिकल भाषा में प्रुरिटस कहा जाता है) हो सकती है।
ये दोनों दवाएं बाजार में बिना डॉक्टर की पर्ची के और डॉक्टर की सलाह पर भी मिलती हैं। एफडीए ने अब इन दवाओं की जानकारी में बदलाव करके इसमें इस गंभीर खुजली का जिक्र जोड़ दिया है। एफडीए ने कहा कि उसने संभावित प्रभावों के बारे में चेतावनी शामिल करने के लिए दोनों दवाओं के लिए प्रिस्क्राइबिंग जानकारी को संशोधित किया है।
एफडीए ने यह भी कहा है कि वे जल्द ही दवा बनाने वाली कंपनियों से कहेंगे कि ओटीसी दवाओं के ड्रग फैक्ट्स लेबल पर भी इस चेतावनी को जोड़ा जाए।
सेट्रीजीन और लेवोसेटिरिज़िन एलर्जी के इलाज के लिए दी जाती हैं। ये शरीर में एलर्जी के समय निकलने वाले एक रसायन हिस्टामिन को रोकती हैं। ये दवाएं दो साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों और बड़ों में मौसमी एलर्जी (एलर्जिक राइनाइटिस) जैसे मौसम बदलने पर होने वाली छींक और नाक बहना के इलाज के लिए मंजूर है। इसके अलावा इन दवाओं को साल भर की एलर्जी के इलाज के लिए भी दिया जाता रहा है। इसमें बारहमासी एलर्जिक राइनाइटिस, क्रोनिक हाइव्स जैसी एलर्जी शामिल है।
सेट्रीजीन को सबसे पहले दिसंबर 1995 में डॉक्टर की पर्ची पर (प्रिस्क्रिप्शन दवा) ज़िरटेक नाम से मंजूरी मिली थी और नवंबर 2007 में इसे ओटीसी दवा के रूप में बेचने की इजाज़त मिली। लेवोसेटिरीजिन को मई 2007 में जायजल नाम से डॉक्टर की पर्ची पर और जनवरी 2017 में ओटीसी रूप में इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी।
--आईएएनएस