नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। टेक कंपनी गूगल ने रविवार को कहा कि वह ऑनलाइन डिस्प्ले एडवरटाइजिंग मार्केट में अपने आचरण के संबंध में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेशों की समीक्षा कर रही है।
व्यापार नियामक ने अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ) द्वारा दायर एक शिकायत की गहन जांच का आदेश दिया है।
सीसीआई ने बताया कि उसने इस शिकायत को इसी तरह के मामलों में चल रही जांच के साथ जोड़ने का निर्णय लिया है और महानिदेशक (डीजी) को एडटेक इकोसिस्टम में गूगल के व्यवहार पर एक कंसोलिडेटेड रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है।
एक अलग आदेश में, सीसीआई ने गूगल के खिलाफ एडीआईएफ द्वारा दायर एक शिकायत को खारिज कर दिया और निष्कर्ष निकाला कि लगाए गए आरोपों की पहले ही जांच की जा चुकी है और पिछले मामलों में उनका निपटारा हो चुका है।
नियामक ने कहा कि वह एडीआईएफ द्वारा उसके आरोपों को नियामक द्वारा पारित पिछले आदेशों में जांचे गए मुद्दों से अलग करने के लिए बताए गए कारणों से सहमत नहीं है।
गूगल के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "हम सीसीआई के आदेशों की समीक्षा कर रहे हैं। हम शिकायत के एक हिस्से को खारिज करने के सीसीआई के फैसले का स्वागत करते हैं।"
कंपनी ने आगे कहा, "हमें पूरा विश्वास है कि सीसीआई के साथ हमारा निरंतर कार्य इस बात की पुष्टि करेगा कि गूगल की विज्ञापन प्रथाओं से विज्ञापनदाताओं, प्रकाशकों और उपयोगकर्ताओं को लगातार लाभ हुआ है और वे प्रतिस्पर्धा कानून का पूरी तरह से अनुपालन करती हैं।"
एडीआईएफ ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि गूगल ने अपनी एडवरटाइजिंग टेक्नोलॉजी के विभिन्न स्तरों पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार किया है।
एडीआईएफ ने आगे आरोप लगाया कि गूगल ने अपनी कई समूह संस्थाओं के माध्यम से, एडटेक इकोसिस्टम में अपनी सर्विस को खुद प्राथमिकता देकर प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण किया है, जिसमें पब्लिशर एड सर्वर (डीएफपी) को अपने एड एक्सचेंज (एडएक्स) के साथ जोड़ने के अलावा यूट्यूब एड इन्वेंट्री तक एक्सेस को अपने डिमांड-साइड प्लेटफॉर्म (डीवी360) के इस्तेमाल से जोड़ना शामिल है।
सीसीआई ने कहा कि गूगल के आचरण की प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4 के तहत जांच आवश्यक है, जो प्रभुत्व के दुरुपयोग से जुड़ी है।
--आईएएनएस
एसकेटी/