भारतीय एनबीएफसी कंपनियों की एजुकेशन लोन एयूएम वित्त वर्ष 26 में 25 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए एजुकेशन लोन पोर्टफोलियो सबसे तेजी से बढ़ने वाला परिसंपत्ति वर्ग रहा है, जिसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में पिछले कुछ वर्षों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई है।

क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 26 में यह वृद्धि घटकर 25 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है और एयूएम 80,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।

वृद्धि में कमी की रफ्तार को कम करने के लिए एनबीएफसी नए भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार कर रही हैं और उत्पादों में विविधता ला रही हैं।

रेटिंग एजेंसी ने बताया कि भारतीय एनबीएफसी का एजुकेशन लोन एयूएम पिछले वित्त वर्ष में 48 प्रतिशत बढ़कर 64,000 करोड़ रुपए हो गया था। वहीं, वित्त वर्ष 24 में इसमें 77 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।

क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक मालविका भोटिका ने कहा, "अमेरिका में नीतिगत अनिश्चितताओं, वीजा अपॉइंटमेंट में कमी और वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण मानदंडों को समाप्त करने के प्रस्ताव जैसे उपायों के कारण नए लोन की मांग में कमी आई है। इसके कारण पिछले वित्त वर्ष में इस भौगोलिक में कुल लोन वितरण में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है।"

इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में बताया गया कि दूसरे सबसे बड़े बाजार, कनाडा से जुड़े भुगतानों में भी गिरावट आई क्योंकि छात्र वीजा नियम सख्त हो गए, जिनमें उपलब्ध धनराशि के प्रमाण के जरिए वित्तीय जरूरतें बढ़ाना और परमिट की सीमा तय करना शामिल है।

भोटिका ने बताया, "इन सभी कारणों के चलते वित्त वर्ष 2025 में कुल एजुकेशन लोन वितरण में केवल 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 50 प्रतिशत था।"

इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, एनबीएफसी ने अन्य भौगोलिक क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।

यूके, जर्मनी, आयरलैंड और छोटे देशों में शिक्षा से जुड़े लोन वितरण पिछले वित्त वर्ष में दोगुने हो गए हैं क्योंकि ये क्षेत्र छात्रों के सामने नए वैकल्पिक गंतव्यों के रूप में उभरे हैं।

कुल लोन वितरण में ऐसे भौगोलिक क्षेत्रों की हिस्सेदारी एक साल पहले के 25 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में लगभग 50 प्रतिशत हो गई है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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