नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। संसद में बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की भारतजेन एआई पहल जून 2026 तक सभी 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं को कवर करेगी।
यह कदम भारतीय भाषाओं और सामाजिक संदर्भों के अनुरूप संप्रभु आधारभूत एआई मॉडल बनाने की रूपरेखा का हिस्सा है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "भारतजेन वर्तमान में नौ भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है, जिनमें हिंदी, मराठी, तमिल, मलयालम, बंगाली, पंजाबी, गुजराती, तेलुगु और कन्नड़ शामिल हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "दिसंबर 2025 तक, इसका कवरेज 15 भाषाओं तक विस्तारित हो जाएगा, जिनमें असमिया, मैथिली, नेपाली, उड़िया, संस्कृत, सिंधी और अन्य शामिल हैं।"
भारतजेन भारत की पहली सरकार समर्थित राष्ट्रीय एआई पहल है, जो टेक्स्ट, स्पीच और विजन-लैंग्वेज सिस्टम के साथ काम करता है।
इसने कृषि, शासन और रक्षा के लिए एप्लीकेशन विकसित किए हैं और पायलट परियोजनाएं पहले ही संचालित की जा चुकी हैं।
डॉ. सिंह ने बताया, "पूरी तरह से लागू होने के बाद, ये समाधान सभी राज्यों और जिलों में उपलब्ध कराए जाएंगे।"
यह परियोजना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतःविषय साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (एनएम-आईसीपीएस) के अंतर्गत क्रियान्वित की जा रही है।
आईआईटी बॉम्बे में आईओटी और आईओई के लिए टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच) इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है, जो मॉडल विकास, शैक्षणिक साझेदारी, डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर और रणनीतिक योजना की देखरेख कर रहा है।
डॉ. सिंह ने कहा कि भारतजेन अभी पायलट परिनियोजन चरण में है और इसे अभी तक सार्वजनिक या संस्थागत उपयोग के लिए जारी नहीं किया गया है।
उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, पूरी तरह से चालू होने के बाद, इसे पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को भी लाभ होगा।"
सरकार भारतजेन की पहुंच और एप्लीकेशन का विस्तार करने के लिए कर्नाटक के अनुसंधान संस्थानों के साथ साझेदारी की भी संभावना तलाश सकती है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने जून में भारतजेन समिट में एलएलएम मॉडल को लॉन्च किया था।
2 जून को लॉन्च कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा था, "भारतजेन एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का निर्माण करना है जो नैतिक, समावेशी, बहुभाषी हो और भारतीय मूल्यों और लोकाचार में गहराई से निहित हो।"
--आईएएनएस
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