भारत-यूके के बीच एफटीए एक मील का पत्थर, घरेलू निर्यातकों को मिलेंगे बड़े अवसर

मुंबई, 25 जुलाई (आईएएनएस)। ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (टीपीसीआई) ने भारत-यूके के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए)की सराहना करते हुए कहा कि इससे कई सेक्टर्स में भारतीय निर्यातकों के लिए अवसर खुलेंगे।

वित्त वर्ष 2024-25 में यूनाइटेड किंगडम (यूके) के साथ भारत का कुल व्यापार 23.1 अरब डॉलर के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जो निर्यात में निरंतर बढ़ोतरी के कारण है।

इस अवधि में भारत का यूके को निर्यात बढ़कर 14.5 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.4 प्रतिशत अधिक है, जबकि आयात 2.3 प्रतिशत बढ़कर 8.6 अरब डॉलर हो गया, जिसके कारण भारत को यूके से द्विपक्षीय व्यापार में 5.9 अरब डॉलर का रिकॉर्ड सरप्लस प्राप्त हुआ।

टीपीसीआई ने कहा कि अगले तीन वर्षों में ब्रिटेन को भारत के कृषि निर्यात में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है, जिसका कारण एफटीए द्वारा 95 प्रतिशत से अधिक भारतीय कृषि और प्रोसेस्ड खाद्य उत्पादों पर शून्य-शुल्क लगना है, जिसमें फल, सब्जियां, अनाज, कॉफी, चाय, मसाले, तिलहन, अल्कोहल बेवरेज और खाने के लिए तैयार वस्तुएं शामिल हैं।

उद्योग निकाय के मुताबिक, भारत के समुद्री खाद्य उद्योग को ब्रिटेन के 5.4 अरब डॉलर के समुद्री बाजार में शून्य-शुल्क पहुंच से लाभ होगा, जिससे जर्मनी और नीदरलैंड जैसे प्रमुख यूरोपीय संघ के देशों के साथ टैरिफ समानता आएगी। इससे आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल, गुजरात और तमिलनाडु के मछुआरों को सीधा लाभ होगा।

टीपीसीआई के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने कहा, "भारत-यूके एफटीए पर हस्ताक्षर एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि यह भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के निर्यातकों के लिए बड़े अवसर खोलता है।"

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान के अनुसार, यह ऐतिहासिक समझौता यूके में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि अब उन्हें तीन साल तक के सोशल सिक्योरिटी टैक्स से छूट मिलेगी, जिससे अनुमानित रूप से 4,000 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत होगी।

चौहान ने आगे कहा, "नया वीजा ढांचा यूके में पेशेवरों के लंबे प्रवास को और भी आसान बनाता है। यह समझौता अमेरिका, यूरोपीय संघ और जापान जैसी अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ भविष्य के मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के लिए एक आदर्श स्थापित करता है, जिससे लंबे समय से चली आ रही व्यापार बाधाएं दूर होंगी और उच्च तकनीक निर्यात, मोबाइल निर्माण और सेमीकंडक्टर में सहयोग के रास्ते खुलेंगे।"

--आईएएनएस

एबीएस/

Related posts

Loading...

More from author

Loading...