नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने सोलर ओपन एक्सेस क्षमता वृद्धि को लेकर शानदार आंकड़े पेश किए हैं, जहां 2025 की पहली छमाही में 3.8 गीगावाट (जीडब्ल्यू) और अकेले दूसरी तिमाही में 2.7 गीगावाट क्षमता जोड़ी गई ।
मेरकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की दूसरी तिमाही में सोलर ओपन-एक्सेस क्षमता वृद्धि में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा, जिसने कुल इंस्टॉलेशन में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया।
2025 की दूसरी तिमाही में परियोजनाओं की स्थापना में तेजी आई क्योंकि डेवलपर्स ने जून में आईएसटीएस शुल्क माफी की समय सीमा से पहले परियोजनाओं को शुरू करने में तेजी दिखाई और कई डेवलपर्स ने माफ़ी की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए आंशिक कमीशनिंग का विकल्प चुना।
जून 2025 तक, देश में कुल सोलर ओपन एक्सेस क्षमता 24.6 गीगावाट तक पहुंच गई थी। कर्नाटक कुल सोलर ओपन एक्सेस इंस्टॉलेशन में सबसे आगे रहा, जिसके पास 2025 की दूसरी तिमाही के अंत तक कुल क्षमता का लगभग 24 प्रतिशत हिस्सा था। जून 2025 तक महाराष्ट्र और तमिलनाडु क्रमशः 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे।
जून 2025 तक अंडर डेवलपमेंट और प्री-कंस्ट्रक्शन स्टेज में सोलर ओपन एक्सेस प्रोजेक्ट 31 गीगावाट से अधिक हो गए।
इसके अलावा, 2025 की पहली छमाही में, भारत ने 2.8 गीगावाट रूफटॉप सोलर क्षमता जोड़ी, जो 2024 की पहली छमाही के 1.1 गीगावाट से 158 प्रतिशत अधिक है।
देश ने 2025 की दूसरी तिमाही में 1.6 गीगावाट रूफटॉप सोलर क्षमता जोड़ी, जो 2025 की पहली तिमाही से 33 प्रतिशत और 2024 की दूसरी तिमाही से 121 प्रतिशत की वृद्धि है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली छमाही के दौरान रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन में वृद्धि के कई कारक रहे जैसे देरी वाले रजिस्ट्रेशन का निपटान, नई प्रणालियों का चालू होना और पीएम सूर्य घर पोर्टल का बेहतर होना।
2025 की दूसरी तिमाही में रूफटॉप सोलर एडिशन में आवासीय क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहा, जिसने कुल इंस्टॉलेशन में 74 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया, इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 19 प्रतिशत से अधिक रहा।
देश में जून 2025 तक कुल इंस्टॉल्ड रूफटॉप क्षमता 16.5 गीगावाट दर्ज की गई है, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल और उत्तर प्रदेश राज्य शीर्ष राज्य बने हुए हैं।
--आईएएनएस
एसकेटी/