भारत में पिछले 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उत्पादन छह गुना बढ़ा, निर्यात में हुई आठ गुना की वृद्धि

नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। देश में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उत्पादन पिछले 11 वर्षों में छह गुना बढ़कर 2014-15 में 1.9 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 11.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जबकि इसी अवधि में निर्यात आठ गुना बढ़कर 38,000 करोड़ रुपए से 3.27 लाख करोड़ रुपए हो गया है, यह जानकारी सरकार ने बुधवार को संसद को दी।

वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत में अब 300 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जो 2014-15 में केवल दो थीं, जबकि पिछले 11 वर्षों में मोबाइल फोन का उत्पादन 28 गुना बढ़कर 18,000 करोड़ रुपए से 5.45 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि इस दौरान मोबाइल फोन के निर्यात में भी शानदार वृद्धि हुई है जो 2014-15 में 1,500 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 2 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

इंडस्ट्री का अनुमान है कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के वैल्यू एडिशन में पिछले कुछ वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। यह उपलब्धि पिछले 11 वर्षों में सरकार द्वारा की गई नीतिगत पहलों और सुधारों का परिणाम है।

इसके अलावा, केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि लार्ज-स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना में 13,107 करोड़ रुपए का संचयी निवेश हुआ, जिससे 8,56,947 करोड़ रुपए के गुड्स का उत्पादन हुआ है और 1.35 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार (जून 2025 तक) सृजित हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, इस पीएलआई योजना के तहत निर्यात 4,65,809 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। वहीं, उद्योग के अनुमानों के अनुसार, प्रत्येक प्रत्यक्ष रोजगार अर्थव्यवस्था में तीन अप्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन करता है।

पिछले पांच वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से) में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में 4 अरब डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इस एफडीआई का लगभग 70 प्रतिशत पीएलआई योजना के लाभार्थियों से आया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "सेमिकोन इंडिया कार्यक्रम के तहत, सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उद्योग के निर्माण और विकास के लिए अब तक छह प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में कुल 1.55 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश शामिल है। स्वीकृत परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं और इनसे 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।"

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को और गहरा करने के लिए, सरकार ने 22,919 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) शुरू की है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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