भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय, अमेरिका से ट्रेड डील होगी अहम : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय रहने की उम्मीद है, क्योंकि देश का अन्य एशियन ट्रेडिंग पार्टनर्स जैसे चीन, हांगकांग और साउथ कोरिया को निर्यात पिछले साल के मुकाबले अधिक रहा है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।

बैंक ऑफ बड़ौदा में अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता ने कहा कि ठीक इसी प्रकार का ट्रेंड स्पेन और जर्मनी को होने वाले निर्यात में भी देखने को मिल रहा है। यह बाकी बचे वर्ष में भी देश की निर्यात वृद्धि को सपोर्ट करेगा।

गुप्ता ने आगे कहा कि सर्विसेज के संदर्भ में, स्थिति काफी हद तक स्थिर रहने की उम्मीद है। इससे वित्त वर्ष 26 में भारत का चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.2-1.5 प्रतिशत पर काफी हद तक नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। आने वाले समय में अमेरिका-भारत ट्रेड डील काफी अहम होगी।

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, "निर्यात वृद्धि भी अच्छी रही है और अन्य बाजारों में विविधीकरण का फायदा मिल रहा है।"

सीजनल डिमांड के कारण दूसरी छमाही में सोने का आयात बढ़ने की संभावना है। हालांकि, कच्चे तेल की कम कीमतों से कुछ राहत मिलने की संभावना है, जो अधिक आपूर्ति की आशंकाओं के बीच मौजूदा स्तर पर ही बने रहने की उम्मीद है।

सितंबर में भारत की निर्यात वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत पर स्थिर रही, जबकि सितंबर 2024 में इसमें 1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी।

सोने और तेल के आयात में कमी के कारण आयात वृद्धि में कमी आई। सकारात्मक बात यह है कि इस वर्ष गैर-तेल एवं गैर-सोने के आयात में वृद्धि देखी गई है।

भारत के व्यापारिक निर्यात में वित्त वर्ष 26 में अब तक 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में इसमें 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

इस वर्ष आयात वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 9 प्रतिशत थी। सेवा क्षेत्र में, पिछले वर्ष इसी अवधि में 12 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, इस वर्ष सेवा निर्यात में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा आयात में गिरावट ने सेवा संतुलन पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में मदद की।

--आईएएनएस

एबीएस/

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