भारत के खनन और निर्माण उपकरण सेक्टर का आकार 2030 तक 45 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा : रिपोर्ट

मुंबई, 27 मई (आईएएनएस)। भारत के खनन और निर्माण उपकरण (एमसीई) सेक्टर का आकार 2030 तक 19 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर 45 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो कि मौजूदा समय में 16 अरब डॉलर का है। यह जानकारी सीआईआई-कार्नी की रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत का एमसीई मार्केट दुनिया की छह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रहा है।

कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और कार्नी की रिपोर्ट में बताया गया कि खनन और निर्माण सेक्टर का वैश्विक मार्केट 18 ट्रिलियन डॉलर का है और ग्लोबल जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है। वहीं, भारत की जीडीपी में इस सेक्टर की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है और चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। साथ ही यह सेक्टर देश में 7 करोड़ करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है।

भारत का एमसीई मार्केट बीते पांच वर्षों में 12 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है और इस कारण देश तेजी से इस सेक्टर में बड़ा ग्लोबल प्लेयर बनने की तरफ बढ़ रहा है।

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि एमसीई सेक्टर वित्त वर्ष 30 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 100 अरब डॉलर से अधिक का योगदान देगा और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 2 करोड़ नौकरियां पैदा करेगा।

रिपोर्ट में संरचनात्मक और नीतिगत पहलों की सिफारिश की गई हैं, जिसमें एक नोडल एजेंसी के माध्यम से शासन को संस्थागत बनाना, एमसीई के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना तैयार करना, एफटीए के माध्यम से एमसीई निर्यात में तेजी लाना, टेक्नोलॉजी अपनाने और ऑटोमेशन को बढ़ावा देना शामिल हैं।

इसके अलावा रिपोर्ट में कर और आयात शुल्क को युक्तिसंगत बनाना, राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संघ और स्टार्ट-अप एक्सीलेटर्स सहित इनोवेशन प्लेटफॉर्म का निर्माण, ग्रीन इंसेंटिव और क्लीन-टेक रिसर्च और डेवलपमेंट सपोर्ट, खनिज क्षमता को बढ़ाने के लिए भूमिगत खनन और अन्य प्रमुख सिफारिशें हैं।

--आईएएनएस

एबीएस/

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