मुंबई, 1 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (आईएसएमए) द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, अक्टूबर से शुरू होने वाले 2025-26 सीजन में भारत का चीनी उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़कर 34.90 मिलियन टन होने की उम्मीद है।
उत्पादन में वृद्धि से अक्टूबर 2025 और सितंबर 2026 के बीच भारतीय चीनी निर्यात 20 लाख टन तक पहुंच जाएगा।
आईएसएमए ने मौजूदा 2024-25 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में 2.61 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है।
आईएसएमए के अध्यक्ष गौतम गोयल ने कहा, "चीनी उत्पादन 3.49 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जिसमें वृद्धि की संभावना भी है।"
उन्होंने आगे कहा कि अगले सीजन में लगभग 50 लाख टन चीनी का इस्तेमाल इथेनॉल उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जबकि मौजूदा सीजन में यह 35 लाख टन है।
सरकार ने चालू सीजन में 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है। आईएसएमए ने पहले सरकार से इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध जारी रखने का आग्रह किया था, क्योंकि इस कदम से भारत के पेट्रोल मिश्रण कार्यक्रम को बढ़ावा मिला है। इस प्रोत्साहन से गन्ना किसानों को समय पर भुगतान में सुविधा हुई है।
गोयल ने कहा कि उद्योग निकाय 20 लाख टन चीनी निर्यात और इथेनॉल के लिए 'समय पर' अनुमति की मांग करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि उद्योग को बी-श्रेणी के शीरे और गन्ने के रस से प्राप्त चीनी और इथेनॉल के लिए न्यूनतम विक्रय मूल्य में भी वृद्धि की उम्मीद है।
चालू सीजन के दौरान 30 अप्रैल, 2025 तक लगभग 27 लाख टन चीनी इथेनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जा चुकी है। आईएसएमए के आंकड़ों के अनुसार, शेष सीजन में 6 से 7 लाख टन अतिरिक्त चीनी इस्तेमाल होने की उम्मीद है।
2025-26 सीजन के लिए, आईएसएमए ने शीर्ष उत्पादक राज्यों में चीनी उत्पादन में वृद्धि का अनुमान लगाया है। चीनी उत्पादन को लेकर उत्तर प्रदेश में 10.25 मिलियन टन, महाराष्ट्र में 13.26 मिलियन टन और कर्नाटक में 6.61 मिलियन टन वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
गन्ने की अधिक पैदावार, बेहतर शुगर रिकवरी रेट और अच्छे मानसून के कारण बढ़े हुए रकबे के कारण उत्पादन में वृद्धि का अनुमान है।
--आईएएनएस
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